भोपाल, 20 नवंबर मध्य प्रदेश के भिंड जिले में पुलिस ने एक नामी ई-कॉमर्स कंपनी के जरिए एक पादप आधारित स्वीटनर (स्टीविया) के नाम पर अवैध मादक पदार्थ गांजे का व्यापार करने वाले गिरोह का खुलासा करने के बाद शनिवार को कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
भिंड के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि देश में काम करने वाली अमेजन इंडिया के कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम की धारा 38 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले अमेजन ने एक बयान में कहा था कि वह अपने मंच के जरिए अवैध उत्पादों की बिक्री की इजाजत नहीं देती है और वह इस मामले में जांच में सहयोग कर रही है।
सिंह ने कहा कि इस संबंध में दर्ज प्राथमिकी में किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं है। एनडीपीएस कानून की धारा 38 मादक पदार्थों से संबंधित अपराध में कंपनियों और उनके प्रबंधन की भूमिका से संबंधित है।
एसपी ने बताया कि ग्वालियर निवासी ब्रजेंद्र तोमर और सूरज उर्फ कल्लू पवैया के पास 21.7 किलोग्राम गांजा बरामद होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर 13 नवंबर को जिले के गोहद थाने में एनडीपीएस कानून के तहत मामला दर्ज किया गया।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के बाद ग्वालियर के एक अन्य निवासी मुकुल जायसवाल और भिंड के मेहगांव के निवासी और खरीदार चित्रा वाल्मीकि को गिरफ्तार किया गया।
सिंह ने बताया कि जांच से पता चला कि पवैया और जायसवाल ने बाबू टैक्स नाम की एक कंपनी बनाई और इसे एक विक्रेता के रुप में अमेजन पर पंजीकृत कराया था।
उन्होंने कहा कि वे आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से कंपनी के माध्यम से एक पौधा आधारित स्वीटनर (स्टीविया) के नाम पर गांजे की आपूर्ति करते थे।
इस सप्ताह की शुरुआत में अमेजन के एक प्रवक्ता ने कहा था कि कंपनी का मंच तीसरे पक्ष के विक्रेताओं को सीधे ग्राहकों को उत्पादों को प्रदर्शित करने, सूचीबद्ध करने और बिक्री करने में सक्षम बनाता है। कंपनी भारत में कानून के तहत प्रतिबंधित उत्पादों की बिक्री की अनुमति नहीं देती है।
प्रवक्ता ने कहा कि इस मुद्दे पर हमें सूचित किया गया और हम जांच अधिकारियों को आवश्यक सहयोग और समर्थन का भरोसा देते हैं।
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