सरकारी राशि दुरूपयोग का मामलाः मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के परिसरों पर एसवीयू की छापेमारी

By भाषा | Updated: November 17, 2021 18:55 IST2021-11-17T18:55:22+5:302021-11-17T18:55:22+5:30

Case of misappropriation of government funds: SVU raids on the premises of Magadha University Vice Chancellor | सरकारी राशि दुरूपयोग का मामलाः मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के परिसरों पर एसवीयू की छापेमारी

सरकारी राशि दुरूपयोग का मामलाः मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के परिसरों पर एसवीयू की छापेमारी

गया/पटना, 17 नवंबर बिहार विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) की टीम ने मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेन्द्र प्रसाद के विभिन्न परिसरों पर बुधवार को छापा मार कार्रवाई की।

एसवीयू के अपर महानिदेशक नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि राजेन्द्र प्रसाद एवं विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारियों के विरूद्ध जालसाजी एवं आय से अधिक सम्पत्ति जमा करने को लेकर 16 नवंबर को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।

उन्होंने बताया कि राजेन्द्र प्रसाद ने मगध एवं वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए नज़ायज़ ढंग से विश्वविद्यालय के उपयोग में उत्तर पुस्तिका, पुस्तक एवं गार्ड की प्रतिनियुक्ति इत्यादि से कार्य में मनमाने ढंग से बगैर किसी जरूरत और उपयोगिता के निविदा प्रक्रिया के विरूद्ध अपने चहेते आपूर्तिकर्ता से खरीदा।

खान ने बताया कि इस मद में पिछले तीन साल में कुलपति ने लगभग 30 करोड़ रुपये की सरकारी राशि का दुरूपयोग किया है।

विशेष निगरानी इकाई की अदालत से प्राप्त आदेश के आधार पर गया स्थित राजेन्द्र प्रसाद के निवास, कार्यालय एवं गोरखपुर स्थित उनके निजी आवास पर आज सुबह से ही तलाशी जारी है।

उन्होंने बताया कि प्राप्त सूचना के अनुसार, उपरोक्त क्रय से संबंधित संचिका कार्यालय में न होकर कुलपति के निवास स्थान से जब्त किया गया जो कि अपने आप में संदेहास्पद है।

खान ने बताया कि राजेन्द्र प्रसाद गोरखपुर स्थित निजी आवास में तलाशी के दौरान एक करोड़ रुपये की अचल संपत्ति एवं पांच लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि तलाशी अभी जारी है।

उन्होंने कहा, यह पता चला है कि राजेन्द्र प्रसाद ने तत्कालीन वित्तीय पदाधिकारियों पर गलत॑ ढंग से भुगतान करने का दवाब डाला और उनके द्वारा इंकार किए जाने पर उन्हें अपने रसूख का प्रयोग कर विश्वविद्यालय सेवा से बाहर कर दिया। उसके बाद उन्होंने अपने चहेते पदाधिकारियों को विश्वविद्यालय में पदस्थापित कर उनसे अपने मन मुताबिक भुगतान करवाया।

खान ने बताया कि तलाशी के दौरान यह भी पता चला की विश्वविद्यालय परिसर में मात्र 47 गार्ड कार्यरत हैं जबकि 86 के लिए भुगतान राशि की निकासी की जा रही है और देय राशि की तुलना में बहुत ही कम राशि क़ा भुगतान किया जाता है तथा बाकी राशि का दुरूपयोग आपसी मिलीभगत से हर महीने गबन किया जाता है।

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Web Title: Case of misappropriation of government funds: SVU raids on the premises of Magadha University Vice Chancellor

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