तिरूवनंतपुरम, 22 जून कर्नाटक संगीत की महान विभूति एवं पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित पारास्सला बी पोनम्मल का वलियासाला स्थित उनके आवास पर मंगलवार को निधन हो गया । उनके परिवार के सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।
परिवार के सूत्रों ने बताया कि वह 96 साल की थी और पिछले कुछ समय से उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थी ।
कर्नाटक संगीत में निपुण, पोनम्मल एक ऐसी संगीतकार थीं, जिन्होंने शास्त्रीय संगीत में लैंगिक रूढ़ियों को तोड़ा था और 1940 के दशक के दौरान यहां के ऐतिहासिक स्वाति थिरुनल कॉलेज ऑफ म्यूजिक में दाखिला लेने वाली पहली छात्रा बनीं थीं।
यहां के कोट्टनहिल बालिका विद्यालय में संगीत शिक्षक के तौर पर करियर शुरू करने से पहले उन्होंने वहां से गण भूषणम एवं गण प्रवीण का पाठ्यक्रम प्रथम श्रेणी के साथ पूरा किया था।
पोनम्मल ने स्वाति थिरुनल कॉलेज की पहली महिला संकाय और प्रसिद्ध आरएलवी कॉलेज ऑफ म्यूजिक एंड फाइन आर्ट्स, त्रिपुनिथुरा की पहली महिला प्राचार्य बनकर इतिहास रचा ।
पुरुष प्रभुत्व की सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए, वह 2006 में श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर में नवरात्रि समारोह के दौरान वहां के नवरात्रि मंडप में गाने वाली पहली महिला बनीं।
आठ दशक की लंबी संगीत यात्रा के दौरान सैकड़ों संगीत कार्यक्रम आयोजित करने के अलावा, उन्होंने कुछ उत्कृष्ट संगीतकारों को अपना शिष्य बनाकर उन्हें संगीतकार के रूप में ढाला।
पोनम्मल को 2017 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया और इसके अलावा उन्होंने कई अन्य पुरस्कार जीते ।
इस महान संगीतकार के परिवार में दो बेटे डी महादेवन एवं डी सुब्रमनियन हैं । उनके पति देवनायकम अय्यर, एक बेटे और एक बेटी की मृत्यु हो चुकी है ।
उनके निधन पर शोक जताते हुये और संगीत की दुनिया में उनके योगदान की सराहना करते हुये प्रदेश के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि पोनम्मल कर्नाटक संगीत में पारंपरिक शुचिता की प्रतीक रही हैं ।
उन्होंने यह भी याद किया कि कैसे महान महिला संगीतकार ने परंपराओं को धता बताते हुए नवरात्रि मंडप में प्रदर्शन किया था।
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