समझ नहीं आता कि फैबइंडिया के नए संग्रह के नाम में लोगों को गलत क्या लगा: जावेद अख्तर

By भाषा | Updated: October 28, 2021 17:48 IST2021-10-28T17:48:05+5:302021-10-28T17:48:05+5:30

Can't understand what people got wrong with the name of Fabindia's new collection: Javed Akhtar | समझ नहीं आता कि फैबइंडिया के नए संग्रह के नाम में लोगों को गलत क्या लगा: जावेद अख्तर

समझ नहीं आता कि फैबइंडिया के नए संग्रह के नाम में लोगों को गलत क्या लगा: जावेद अख्तर

मुंबई, 28 अक्टूबर जाने माने पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें यह ‘‘समझ नहीं आता’’ कि लोगों के एक समूह को फैशन ब्रांड फैबइंडिया के नए संग्रह के नाम ‘जश्न-ए-रिवाज’ में क्या बात गलत लगी जिसका अर्थ केवल ‘परंपरा का जश्न’ होता है।

कुछ लोगों ने ब्रांड पर आरोप लगाया था कि इस संग्रह का नाम ‘जश्न-ए-रिवाज’ रख कर उसने हिंदू त्योहार दीपावली को ‘‘विकृत’’ किया। कंपनी ने दक्षिण पंथी समूहों की आलोचना के बाद अपना प्रोमो वापस ले लिया था।

76 वर्षीय अख्तर ने कहा, ‘‘मुझे यह समझ नहीं आता कि कुछ लोगों को फैबइंडिया के जश्न-ए-रिवाज से समस्या क्यों थी। इसका अंग्रेजी में अर्थ केवल ‘ए सेलिब्रेशन ऑफ ट्रेडिशन’ (परंपरा का जश्न) है। किसी को कैसे और क्यों इससे दिक्कत हो सकती है? यह पागलपन है।’’

इससे पहले, अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ‘‘जश्न-ए-बेवकूफी’’ लिखकर ब्रांड का बहिष्कार किए जाने की अपीलों की निंदा की थी।

‘जश्न-ए-रिवाज’ को लेकर फैबइंडिया को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया था, क्योंकि कुछ लोगों का कहना था कि कंपनी हिंदू त्योहार में अनावश्यक रूप से धर्मनिरपेक्षता और मुस्लिम विचारधारा को थोप रही है और इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट के जरिए इस विज्ञापन की आलोचना की थी।

उल्लेखनीय है कि टायर कंपनी सीएट लिमिटेड के विज्ञापन पर भी कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी जिसमें अभिनेता आमिर खान लोगों को सड़कों पर पटाखे न चलाने की सलाह देते नजर आए थे। भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने कहा था कि कंपनी को ‘‘नमाज के नाम पर सड़कों को अवरुद्ध किए जाने और अजान के दौरान मस्जिदों से निकलने वाले शोर’’ से संबंधित समस्या का समाधान भी करना चाहिए।

इसी तरह, त्वरित उपभोग वाले उपभोक्ता सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनी डाबर ने करवा चौथ पर अपना विज्ञापन वापस ले लिया था। इसमें एक समलैंगिक जोड़े को कंपनी के उत्पाद फेम क्रीम ब्लीच के विज्ञापन में त्योहार मनाते हुए दिखाया गया था।

इससे पहले टाटा समूह के ज्वैलरी ब्रांड तनिष्क को एक विज्ञापन वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसमें मुस्लिम ससुराल वालों को हिंदू दुल्हन के लिए गोद भराई का आयोजन करते दिखाया गया था।

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