दो छात्रों के लिए पुन: परीक्षा का आदेश नहीं दे सकते: न्यायालय ने नीट परिणाम संबंधी मामले पर कहा

By भाषा | Updated: November 12, 2021 20:26 IST2021-11-12T20:26:40+5:302021-11-12T20:26:40+5:30

Can't order re-examination for two students: Court on NEET result issue | दो छात्रों के लिए पुन: परीक्षा का आदेश नहीं दे सकते: न्यायालय ने नीट परिणाम संबंधी मामले पर कहा

दो छात्रों के लिए पुन: परीक्षा का आदेश नहीं दे सकते: न्यायालय ने नीट परिणाम संबंधी मामले पर कहा

नयी दिल्ली, 12 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के दो अभ्यर्थियों के लिए पुन: परीक्षा कराने का राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को निर्देश देने संबंधी बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को शुक्रवार को खारिज कर दिया। इन दोनों विद्यार्थियों के प्रश्नपत्र और उनकी ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन) शीट महाराष्ट्र के एक परीक्षा केंद्र में आपस में मिल गई थीं।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा कि वह याचिका दायर करने के याचिकाकर्ताओं के कारण के साथ सहानुभूति रखती है, लेकिन केवल उनके लिए पुन: परीक्षा का निर्देश देना मुश्किल होगा।

पीठ ने कहा, ‘‘हमने प्रतिवादी संख्या एक और दो (छात्रों) के परिणाम और उन्हें दिए गए नंबर देखे हैं। उन्होंने अधिकतर प्रश्नों का उत्तर दिया है... कीमती समय नष्ट हो जाने के कारण वे सभी प्रश्नों के उत्तर नहीं दे सके और हम इन युवा छात्रों की परीक्षा देते समय की मानसिक स्थिति की भी सराहना करते हैं।’

उसने कहा, ‘‘हालांकि हमें (याचिका दायर करने के) उनके कारण से सहानुभूति है, हमारे लिए केवल उनके लिए पुन: परीक्षा कराने का निर्देश देना मुश्किल है, इसलिए हम फिर से परीक्षा कराए जाने के उच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार करते हैं। रिट याचिका खारिज की जाती है।’’

उच्च न्यायालय के आदेश को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। स्नातक स्तर के मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिहाज से नीट परीक्षा आयोजित करने के लिए 2018 में एनटीए की स्थापना की गयी थी।

बंबई उच्च न्यायालय ने 20 अक्टूबर को एक अभूतपूर्व फैसले में एनटीए को आदेश दिया था कि दो अभ्यर्थियों के लिए नए सिरे से परीक्षा आयोजित की जाए और उनके परिणाम 12 सितंबर को हुई परीक्षा के मुख्य परिणामों के साथ घोषित किए जाएं।

उच्च न्यायालय ने इस तथ्य का संज्ञान लिया था कि दो अभ्यर्थियों -वैष्णवी भोपाली और अभिषेक शिवाजी- के प्रश्नपत्र और उनकी ओएमआर शीट परीक्षा शुरू होने से पहले परीक्षा केंद्र पर आपस में मिल गई थीं। अदालत ने आदेश दिया था कि उन्हें नए सिरे से परीक्षा देने का अवसर मिले।

एनटीए ने याचिका में कहा था कि 16 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के लिए 12 सितंबर को परीक्षा आयोजित की गई थी और उच्च न्यायालय के आदेश के कारण परिणामों की घोषणा रुकी हुई है।

उसने कहा था कि परिणाम की घोषणा में देरी एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीएसएमएस, बीयूएमएस और बीएचएमएस जैसे स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया प्रभावित होगी और इसमें देरी होगी।

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Web Title: Can't order re-examination for two students: Court on NEET result issue

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