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तनाव भरे माहौल में छात्रों को परीक्षा के लिए बाध्य नहीं कर सकते: मोदी

By भाषा | Updated: June 1, 2021 22:37 IST

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नयी दिल्ली, एक जून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं की परीक्षा को रद्द करने का निर्णय व्यापक विमर्श के बाद छात्रों के हित में किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे तनाव भरे माहौल में छात्रों पर परीक्षा में शामिल होने का दबाव नहीं डाला जाना चाहिए।

मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘भारत सरकार ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है। व्यापक विमर्श के बाद हम लोगों ने यह फैसला किया है जो छात्रों के हित में हैं और उनके स्वास्थ्य के साथ ही उनके भविष्य की सुरक्षा की भी चिंता करता है।’’

ज्ञात हो कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर केंद सरकार ने मंगलवार को सीबीएसई की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया।

यह फैसला मोदी की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में यह लिया गया।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने कहा, ‘‘छात्रों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और इससे किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है।’’

उन्होंने कहा कि परीक्षा को लेकर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों की उत्सुकता को समाप्त किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे तनाव भरे माहौल में छात्रों को परीक्षा में शामिल होने को लेकर दबाव नहीं डाला जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षाओं पर फैसला विद्यार्थियों के हित में लिया गया है। कोविड-19 ने अकादमिक कैलेंडर को काफी प्रभावित किया है और बोर्ड परीक्षाओं का मुद्दा विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं शिक्षकों के बीच अत्यधिक चिंता उत्‍पन्‍न करता रहा है, जिसे अवश्‍य ही समाप्त किया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि देश भर में कोविड से जुड़ी स्थिति निरंतर बदल रही है। वैसे तो कोविड के मामले घट रहे हैं और कुछ राज्य प्रभावकारी सूक्ष्म-कंटेनमेंट क्षेत्र के माध्यम से महामारी से निपट रहे हैं, जबकि कुछ राज्यों ने अब भी लॉकडाउन का विकल्प चुना है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की स्थिति में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को लेकर विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षक स्वाभाविक रूप से चिंतित हैं। इस तरह की तनावपूर्ण स्थिति में विद्यार्थियों को परीक्षाओं में बैठने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए।’’

प्रधानमंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा का अत्यधिक महत्व है और इस पहलू पर कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘आज के समय में इस तरह की परीक्षाएं हमारे युवाओं को जोखिम में डालने का कारण नहीं बन सकती हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी हितधारकों को विद्यार्थियों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि परिणाम पूर्णत: स्‍पष्‍ट मानदंडों के अनुसार निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से तैयार किए जाएं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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