राफेल विवाद पर 13 फरवरी को नरेन्द्र मोदी सरकार से क्लीनचीट मिलने पर केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर जोरदार हमला किया है। अरुण जेटली ने कहा, सच्चाई की जीत हुई है और महागठबंधन की का झूठ सामने आ गया है। ससंद में बुधवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कैग की रिपोर्ट सौंपी गई है। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपीए सरकार की तुलना में नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2.86 प्रतिशत विमान का सौदा किया है।
अरुण जेटली ने ट्वीट कर कहा है, ''सत्यमेव जयते...सत्य की हमेशा जीत होती है। राफेल मुद्दे पर कैग की रिपोर्ट ने इसकी पुष्टि की है।''
अरुण जेटली ने कैग की रिपोर्ट आने के बाद बैक-टू-बैक कई ट्वीट किए। जेटली ने ट्वीट किया, ''2016 बनाम 2007... कम कीमत, त्वरित आपूर्ति, बेहतर रखरखाव, महंगाई के आधार पर कम वृद्धि।''
जेटली ने कहा, ''जो लोग लगातार झूठ बोलते हों, उन्हें लोकतंत्र कैसे दंडित करे।''
जेटली ने ट्वीट कर कहा,'' 'महाझूठबंधन' का झूठ बेनकाब हो गया।''
जेटली का यह बयान ऐसे समय में आया है जब आज कैग की राफेल मुद्दे पर रिपोर्ट संसद में पेश की गई है । इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विभिन्न विपक्षी दल सरकार पर निशाना साधते रहे हैं । कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल राफेल सौदे में कथित घोटाले का आरोप लगाते हुए इसकी संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग करते रहे हैं । संसद सत्र के दौरान भी यह मुद्दा दोनों सदनों में छाया रहा और कार्यवाही बाधित हुई।
राफेल पर कैग की रिपोर्ट
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 36 लड़ाकू राफेल विमानों की खरीद के लिए राजग सरकार ने जो सौदा किया वह इन विमानों की खरीद के लिए 2007 में की गई तत्कालीन संप्रग सरकार की वार्ता पेशकश की तुलना में 2.86 फीसदी सस्ता है।
कैग की रिपोर्ट बुधवार को संसद में पेश की गई। इस रिपोर्ट में कैग ने कहा है कि भारत के लिहाज से किए गए संवर्द्धन के नजरिये से यह सौदा 17.08 फीसदी सस्ता है। रिपोर्ट के अनुसार, इंजीनियरिंग संबंधी पैकेज और प्रदर्शन के आधार पर हर तरह के साजो सामान के संदर्भ में यह सौदा हालांकि 6.54 फीसदी महंगा है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राजग सरकार के तहत हुआ राफेल सौदा, 2007 में तत्कालीन संप्रग सरकार के दौरान इस सौदे पर हुई वार्ता पेशकश की तुलना में 2.86 प्रतिशत सस्ता है।