लाइव न्यूज़ :

कैबिनेट ने दी नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी, मंगलवार को लोकसभा में किया जाएगा पेश

By भाषा | Updated: January 7, 2019 17:41 IST

यह कदम को उठाए जाने से कुछ घंटे पहले ही विधेयक का परीक्षण करने वाली संयुक्त संसदीय समिति ने लोकसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की थी। यह विधेयक 2016 में पहली बार पेश किया गया था।

Open in App

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के गैर मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता प्रदान के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। इसका मसौदा दोबारा से तैयार किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में विधेयक को मंजूरी दी गई। इसे मंगलवार को लोकसभा में रखे जाने की उम्मीद है।

यह कदम को उठाए जाने से कुछ घंटे पहले ही विधेयक का परीक्षण करने वाली संयुक्त संसदीय समिति ने लोकसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की थी। यह विधेयक 2016 में पहली बार पेश किया गया था।

असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक के खिलाफ लोगों का बड़ा तबका प्रदर्शन कर रहा है। उनका कहना है कि यह 1985 के असम समझौते को अमान्य करेगा जिसके तहत 1971 के बाद राज्य में प्रवेश करने वाले किसी भी विदेशी नागरिक को निर्वासित करने की बात कही गई थी, भले ही उसका धर्म कोई भी।

नया विधेयक नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के लिए लाया गया है। यह विधेयक कानून बनने के बाद, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदाय को 12 साल के बजाय छह साल भारत में गुजारने पर और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता प्रदान करेगा।

भाजपा ने 2014 के चुनावों में इसका वायदा किया था।

पूर्वोत्तर के आठ प्रभावशाली छात्र निकायों के अलावा असम के 40 से ज्यादा सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने नागरिकता अधिनियम में संशोधन करने के सरकार के कदम के खिलाफ मंगलवार को बंद बुलाया है।

जेपीसी रिपोर्ट को बहुमत से तैयार किया गया है क्योंकि विपक्षी सदस्यों ने धार्मिक आधार पर नागरिकता देने का विरोध किया था और कहा था कि यह संविधान के खिलाफ है।

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा समेत कुछ अन्य पार्टियां लगातार इस विधेयक का विरोध कर रही हैं। उनका दावा है कि धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा सकती है क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है।

विपक्षी पार्टियों के कुछ सदस्यों ने रिपोर्ट में असहमति जताई है।

दिलचस्प है कि भाजपा की सहयोगी, शिवसेना और जदयू ने भी ऐलान किया है कि वे संसद में विधेयक का विरोध करेंगी।

असम के सिल्चर में प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कहा था कि केंद्र नागरिकता संशोधन विधेयक पारित कराने को प्रतिबद्ध है।

टॅग्स :संसद शीतकालीन सत्रलोकसभा संसद बिल
Open in App

संबंधित खबरें

भारतसांसद जब पढ़ेंगे नहीं तो संसद में गंभीर चर्चा कैसे कर पाएंगे?

भारततंबाकू, पान मसाला और अन्य तंबाकू और होंगे महंगे?, सोमवार को 2 विधेयक लोकसभा में पेश, जानें क्या होंगे बदलाव

भारतआपका यहां तक पहुंचना लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत, उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन को लेकर पीएम मोदी ने राज्यसभा में बोले, वीडियो

भारतभारत ने लोकतंत्र को जिया, पीएम मोदी बोले-भारत ने सिद्ध किया Democracy can deliver, वीडियो

भारत18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्रः लोकतंत्र की स्वस्थ परंपराओं को मजबूत करेंगे सांसद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा-प्रश्न-उत्तर पूछे पक्ष और विपक्ष

भारत अधिक खबरें

भारतगोवा अग्निकांड पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने जताया दुख, पीड़ितों के लिए मुआवजे का किया ऐलान

भारतGoa Fire Accident: अरपोरा नाइट क्लब में आग से 23 लोगों की मौत, घटनास्थल पर पहुंचे सीएम सावंत; जांच के दिए आदेश

भारतगोवा के नाइट क्लब में सिलेंडर विस्फोट में रसोई कर्मचारियों और पर्यटकों समेत 23 लोगों की मौत

भारतEPFO Rule: किसी कर्मचारी की 2 पत्नियां, तो किसे मिलेगी पेंशन का पैसा? जानें नियम

भारतरेलवे ने यात्रा नियमों में किया बदलाव, सीनियर सिटीजंस को मिलेगी निचली बर्थ वाली सीटों के सुविधा, जानें कैसे