बिहार: बोचहां उप-चुनाव में 'नोटा' से थी कांग्रेस उम्मीदवार की टक्कर, मिली हार, नोटा बटन पर पड़े ज्यादा वोट
By एस पी सिन्हा | Updated: April 17, 2022 18:11 IST2022-04-17T18:11:05+5:302022-04-17T18:11:05+5:30
बोचहां उप-चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की स्थिति इतनी खराब हुई कि नोटा में पड़े कुल 2966 वोटों से भी कम वोट कांग्रेस उम्मीदवार तरूण चौधरी को केवल 1336 वोट हासिल हुए।

बिहार: बोचहां उप-चुनाव में 'नोटा' से थी कांग्रेस उम्मीदवार की टक्कर, मिली हार, नोटा बटन पर पड़े ज्यादा वोट
पटना: बिहारकांग्रेस की फजीहत हो गई क्योंकि बोचहां विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में नोटा के सामने कांग्रेसी उम्मीदवार की नाक कट गई। यहां कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार तरुण चौधरी को नोटा से भी कम मत प्राप्त हुए हैं।
ऐसे में पार्टी के अंदर एक बार फिर से घमासान तेज हो गया है। एक तरफ प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने अपने उम्मीदवार की हार पर चुप्पी साध ली है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस में अब सामूहिक जवाबदेही के साथ फैसला होना चाहिए।
अजीत शर्मा ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी नेतृत्व पर जमकर बरसते हुए उन्होंने कहा कि जिसे कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार बनाकर बोचहां में उतारा गया, दरअसल वह कांग्रेस का उम्मीदवार था ही नहीं। वह पार्टी का नहीं बल्कि व्यक्तिगत उम्मीदवार था।
हमसे इस बारे में कोई बातचीत पार्टी नेतृत्व ने नहीं की। ना किसी विधायक से चर्चा हुई और ना ही मुजफ्फरपुर के विधायक विजेंद्र चौधरी से भी इस मामले पर कोई बातचीत हुई।
मुजफ्फरपुर के जिलाध्यक्ष तक को नहीं पता था कि बोचहां में किसे उम्मीदवार बनाया जा रहा है। जब हमारी कोई सलाह ही नहीं ली गई तो इसे कांग्रेस का उम्मीदवार कैसे कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि तरुण चौधरी को उम्मीदवार बनाए जाने के पीछे प्रभारी भक्त चरण दास और प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मदन मोहन झा ही जवाब देंगे।
अजीत शर्मा ने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी है, जिस प्रत्याशी को टिकट दिया गया, वह कांग्रेस पार्टी से भी नहीं था। किसके कहने पर उसे टिकट दिया गया, यह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ही बता पाएंगे।
उन्होंने कहा की पार्टी से पूछकर बोचहां में उम्मीदवार उतारा जाता तो निश्चित रूप से पार्टी बेहतर प्रदर्शन करती। यहां बता दें कि तारापुर और कुशेश्वर विधानसभा सीट पर जब चुनाव हुए थे तो कांग्रेस ने महा गठबंधन से अलग जाकर उम्मीदवार उतारा था।
इसी तर्ज पर बोचहां में भी कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारा, लेकिन उनके उम्मीदवार की स्थिति इतनी खराब हुई कि नोटा में पड़े कुल 2966 वोटों से भी कम वोट कांग्रेस उम्मीदवार तरूण चौधरी को केवल 1336 वोट हासिल हुए।
वहीं राजद के उम्मीदवार अमर पासवान को जहां 48.52 फीसदी वोट मिले। वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार तरुण चौधरी को केवल 0.79 फीसदी वोट ही हासिल हुए।