बच्चों से दुलार नहीं उनकी जान से खिलवाड़, टेस्टिंग में फेल हुए 67 परसेंट खिलौने, इन बीमारियों का खतरा

By रजनीश | Updated: December 24, 2019 11:52 IST2019-12-24T11:52:27+5:302019-12-24T11:52:27+5:30

डॉयरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) के 2 दिसंबर के एक नोटिफिकेशन के मुताबिक बाहर से आने वाले खिलौनों के खेप का परीक्षण किया जाएगा। सभी खेप से नमूने उठाए जाएंगे और जांच के लिए लैब में खिलौनों के नूमने भेजे जाएंगे। जब तक उनकी रिपोर्ट नहीं आ जाती वो खिलौने बाजार में नहीं जाएंगे।

Buyers beware QCI survey cautions against imported toys | बच्चों से दुलार नहीं उनकी जान से खिलवाड़, टेस्टिंग में फेल हुए 67 परसेंट खिलौने, इन बीमारियों का खतरा

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsकुल 121 अलग-अलग वेरायटी के सैंपलों को टेस्टिंग लैब में भेजा गया जहां इन्हें भारतीय मानकों के अनुसार जांचा गया।सॉफ्ट टॉय की बात करें तो इनमें 45 परसेंट खिलौने फेल हुए हैं जिनमें नुकसानदायक पैथालेट्स की मात्रा पाई गई है।

बच्चों के खेलने के लिए खरीदे जाने वाले खिलौनों के पीछे लोग कई बार थोड़ा ज्यादा पैसा इसलिए भी खर्च करते हैं जिससे बच्चे को खिलौने से किसी भी तरह का नुकसान न हो। लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 67 परसेंट खिलौने टेस्टिंग के दौरान फेल पाए गए। ये टेस्टिंग सर्वे क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (QCI) की तरफ से जारी किया गया।

सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक 66.90 परसेंट इंपोर्टेड खिलौने टेस्ट में फेल पाए गए और केवल 33.10 परसेंट खिलौने ही इस टेस्ट में पास हुए। क्यूसीआई ने इस खिलौनों की टेस्टिंग के लिए दिल्ली और एनसीआर स्थित मार्केट से खिलौने लिए थे।

कुल 121 अलग-अलग वेरायटी के सैंपलों को टेस्टिंग लैब में भेजा गया जहां इन्हें भारतीय मानकों के अनुसार जांचा गया। क्यूसीआई रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 30 परसेंट प्लास्टिक खिलौने सेफ्टी मानक को पूरा नहीं कर पाए, इनमें से कुछ में हैवी मेटल की मात्रा आदि भी मिली। 80 परसेंट प्लास्टिक के खिलौने मैकेनिकल और फिजिकल सेफ्टी के मामले में फेल हुए।

सॉफ्ट टॉय-
सॉफ्ट टॉय की बात करें तो इनमें 45 परसेंट खिलौने फेल हुए हैं जिनमें नुकसानदायक पैथालेट्स की मात्रा पाई गई है। वहीं इलेक्ट्रिक खिलौनों की बात करें तो ऐसे खिलौनों के 75 परसेंट खिलौने फेल हुए हैं।

भारत में आने वाले 85 परसेंट खिलौने चाइन, श्री लंका, मलेशिया, जर्मनी, हांकगांक और यूएसए से इंपोर्ट होते हैं। एएनआई से बात करते हुए क्यूसीआई के सेक्रेटरी जनरल आरपी सिंह ने कहा कि मैकेनिकल टेस्टिंग में फेल हुए खिलौने बच्चों की स्किन को खराब कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि खिलौनों में किसी भी तरह का केमिकल है तो कई बार वह कैंसर का कारण बन सकता है।

Web Title: Buyers beware QCI survey cautions against imported toys

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