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Budget 2020: 160 मिनट लंबा बजट भाषण पढ़ा, सीतारमण ने कश्मीरी, संस्कृत एवं तमिल उक्तियों में पिरोया भाषण को

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 1, 2020 18:42 IST

हालांकि गले में तकलीफ के कारण सीतारमण बजट भाषण के अंतिम दो पन्ने नहीं पढ़ पायीं। हल्के हल्दी रंग की धारीदार साड़ी पहने निर्मला सीतारमण चटख लाल रंग के ‘बही खाते’ में बजट दस्तावेज लेकर लोकसभा पहुंचीं।

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ठळक मुद्देउन्होंने बजट भाषण के दौरान कश्मीरी कविता पढ़ी जिस पर सदस्यों ने मेजें थपथपाईं। सीतारमण ने शनिवार को बजट भाषण 2 घंटे 39 मिनट (करीब 160 मिनट) तक पढ़ा। उन्होंने जुलाई 2019 में बजट भाषण 137 मिनट में पढ़ा था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 160 मिनट लंबा बजट भाषण पढ़ा, जिसे उन्होंने कश्मीरी कविता, सरस्वती सिंधु सभ्यता की विशेषता, महाकवि कालिदास एवं तमिल कवियों की प्रसिद्ध रचनाओं के हार में पिरो रखा था।

हालांकि गले में तकलीफ के कारण सीतारमण बजट भाषण के अंतिम दो पन्ने नहीं पढ़ पायीं। हल्के हल्दी रंग की धारीदार साड़ी पहने निर्मला सीतारमण चटख लाल रंग के ‘बही खाते’ में बजट दस्तावेज लेकर लोकसभा पहुंचीं।

उन्होंने बजट भाषण के दौरान कश्मीरी कविता पढ़ी जिस पर सदस्यों ने मेजें थपथपाईं। लेकिन बेटी बचाओ..बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम, सुरक्षा एवं खुशहाली के उल्लेख और एलआईसी संबंधी जिक्र पर उन्हें विपक्षी सदस्यों की काफी टोकाटोकी का सामना करना पड़ा।

सीतारमण ने शनिवार को बजट भाषण 2 घंटे 39 मिनट (करीब 160 मिनट) तक पढ़ा। उन्होंने जुलाई 2019 में बजट भाषण 137 मिनट में पढ़ा था। इस दौरान सत्तापक्ष के सदस्यों ने 95 बार मेजें थपथपा कर बजट घोषणाओं का स्वागत किया। बजट भाषण की शुरुआत में सीतारमण ने महत्वाकांक्षी भारत, सबके लिये आर्थिक विकास और हमारा संरक्षित समाज विषय पर तीन शीर्षक में बजट की शुरुआत की।

उन्होंने कहा, ‘इससे पहले कि मैं तीन विषयों पर विस्तृत चर्चा करूं, मैं कश्मीरी में एक छोटी सी कविता बोलना चाहती हूं...’ इसके बाद वित्त मंत्री ने कश्मीरी भाषा में पंडित दीनानाथ कौल द्वारा लिखी कविता पढ़ी। इसके बाद उन्होंने हिन्दी और अंग्रेजी में इसका अनुवाद भी किया।

सीतारमण द्वारा पढ़ी गई कश्मीरी कविता कुछ इस प्रकार थी: ‘मेरा वतन, गुलज़ार शालीमार बाग जैसा, मेरा वतन, डल लेक में खिलते हुए कमल जैसा, नौजवानों के गर्म खून जैसा । मेरा वतन, तेरा वतन, हमारा वतन... दुनिया में सबसे प्यारा वतन।’ हालांकि, सीतारमण ने जब ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ,’ योजना का जिक्र किया तो कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी सदस्यों ने शोर शराबा शुरू कर दिया।

तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी को यह कहते सुना गया कि कितना रुपया दिया ? इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘दादा (कल्याण बनर्जी) आप जब बजट पर चर्चा करेंगे तो बोलने का पर्याप्त मौका मिलेगा।’ बजट भाषण के दौरान सीतारमण ने सरस्वती सिंधु सभ्यता का उल्लेख करते हुए कहा कि उसका शिल्प एवं हड़प्पा की मुहरें विलक्षण हैं।

उन्होंने कहा, ‘वे 3,300 वर्ष ईसा पूर्व की हैं। सिंधु पांडुलिपियों का गूढ़ अर्थ स्पष्ट कर लिया गया है। वाणिज्य और व्यापार संबंधी शब्दों से पता चलता है कि कैसे भारत सहस्त्राब्दि से कौशल, धातु कर्म, व्यापार आदि में समृद्ध रहा।’

बजट भाषण पढ़ते हुए सीतारमण ने महाकवि कालिदास रचित रघुवंश के सर्ग 1 दोहा 18 को संस्कृति में पढ़ा और फिर उसे हिन्दी में भी समझाया। उन्होंने रघुवंश के सर्ग का उल्लेख करते हुए कहा, ‘सूर्य जल की नन्हीं बूंदों से वाष्प लेता है। यही राजा भी करता है। बदले में ये प्रचूर मात्रा में लौटाते हैं। वे लोगों के कल्याण के लिये संग्रह करते हैं।’

सीतारमण अस्वस्थ होने के कारण बजट भाषण के कुछ पन्ने नहीं पढ़ सकीं। बजट भाषण पढ़ते समय उनकी तबियत कुछ खराब हुई तो उन्होंने तीन बार पानी पिया। हालांकि इससे कुछ फायदा नहीं हुआ। तब सदन में विपक्ष के सदस्यों ने उनसे बजट दस्तावेज सभापटल पर रखने का आग्रह किया।

इस पर सीतारमण ने कहा कि सिर्फ दो पन्ने बचे हैं। वित्त मंत्री ने दोबारा बजट पढ़ने का प्रयास किया लेकिन वे ठीक से नहीं पढ़ पा रही थीं। सदन में पास ही बैठे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से कुछ कहा। इसके बाद गडकरी ने टाफी निकाल कर सीतारमण को दी।

लेकिन इसके बाद भी परेशानी बरकरार रहने पर कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने बजट दस्तावेज सभा पटल पर रखने का आग्रह किया। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय और काकोली घोष दस्तीदार भी वित्त मंत्री को टॉफी जैसी किसी चीज की पेशकश करते नजर आए।

बाद में वित्त मंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से बजट भाषण सभा पटल पर रख दिया। बजट भाषण समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीतारमण के पास जाकर उनका हालचाल पूछते दिखे। विपक्ष की ओर से कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और के सुरेश ने भी वित्त मंत्री की सीट पर जाकर उनकी कुशलक्षेम पूछी।

बजट भाषण के दौरान सीतारमण ने पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय अरूण जेटली को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने तमिल कवि तिरूवल्लुवर के कथन का जिक्र करते हुए बताया कि एक राष्ट्र कैसा होना चाहिए । जब निर्मला सीतारमण बजट पढ़ रही थी तब स्पीकर गैलरी में उनकी पुत्री बांगमयी पारकला भी मौजूद थी।

लोकसभा में विशिष्ट दीर्घा में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, भाजपा नेता विनय सहस्त्रबुद्धे, राजीव चंद्रशेखर, जी वी एल नरसिंहा राव, विजय सोनकर शास्त्री आदि मौजूद थे । इनके अलावा के जे एलफांस, माजिद मेनन, विजयपाल सिंह तोमर, वाइको और दीपेन्द्र हुड्डा आदि भी मौजूद थे।

निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने का अंदाज पिछले वित्त मंत्रियों की तुलना में काफी अलग रहा। वह ब्रीफकेस की बजाय एक बस्ते में बजट दस्तावेजों को रखकर लायीं जो परंपरागत भारतीय बहीखातों के बस्ते जैसा था। इस मौके पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सफेद कुर्ते-पायजामे के साथ भूरे रंग की सदरी पहन रखी थी। 

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