Budget 2020: किसानों पर मेहरबान, मध्यम वर्ग को राहत देने की कोशिश, जानें बजट की बड़ी बातें

By भाषा | Updated: February 1, 2020 16:15 IST2020-02-01T16:15:36+5:302020-02-01T16:15:36+5:30

वित्त मंत्री ने लोकसभा में प्रस्तुत किए गए 2020- 21 का बजट में उदारीकरण और सुधारों को बढ़ाने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम लाने और आईडीबीआई बैंक में सरकार की शेष हिस्सेदारी को निवेशकों को बेचने का प्रस्ताव किया है।

Budget 2020: please the farmers, try to give relief to middle class, know big things in the budget | Budget 2020: किसानों पर मेहरबान, मध्यम वर्ग को राहत देने की कोशिश, जानें बजट की बड़ी बातें

Budget 2020: किसानों पर मेहरबान, मध्यम वर्ग को राहत देने की कोशिश, जानें बजट की बड़ी बातें

Highlightsवर्तमान में कंपनियों को शेयरधारकों में वितरित की जाने वाली लाभांशा की राशि पर 15 प्रतिशत की दर से लाभांश वितरण कर जमा करना होता है। वित्त मंत्री ने यह बजट ऐसे समय पेश किया है जब दुनिया भर में आर्थिक सुस्ती का दौर जारी है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये जहां एक तरफ उदारीकरण को बढ़ावा देने पर जोर दिया वहीं दूसरी तरफ लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिये कई कदमों की घोषणा की। वित्त मंत्री ने आयकर ढांचे में बड़े बदलाव की घोषणा करते हुए आयकर दरों की सात श्रेणियां बना कर मध्यवर्ग को राहत देने की पहल की है। कंपनियों के लिये लाभांश वितरण कर समाप्त करने और अप्रत्यक्ष कर रिफंड के क्षेत्र में चीजों को सरल बनाने पर जोर दिया गया है।

वित्त मंत्री ने लोकसभा में प्रस्तुत किए गए 2020- 21 का बजट में उदारीकरण और सुधारों को बढ़ाने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम लाने और आईडीबीआई बैंक में सरकार की शेष हिस्सेदारी को निवेशकों को बेचने का प्रस्ताव किया है। सीतारमण ने उद्योग जगत की एक पुरानी मांग को पूरा करते हुये कंपनियों के लिये लाभांश वितरण कर (डीडीटी) समाप्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब लाभांश पर कर लाभांश पाने वाले को देना होगा।

वर्तमान में कंपनियों को शेयरधारकों में वितरित की जाने वाली लाभांशा की राशि पर 15 प्रतिशत की दर से लाभांश वितरण कर जमा करना होता है। वित्त मंत्री ने यह बजट ऐसे समय पेश किया है जब दुनिया भर में आर्थिक सुस्ती का दौर जारी है। भारत पर भी इसका असर देखा गया और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

यह पिछले 11 साल का न्यूनतम स्तर है। वित्त मंत्री ने अपने करीब पौने तीन घंटे चले लंबे बजट भाषण में किसानों, महिलाओं, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, पर्यटन और ढांचागत परियोजनाओं के क्षेत्र में कई घोषणाएं की हैं। आयकर के मोर्चे पर करदाताओं कुछ राहत देते हुए वित्त मंत्री ने आयकर स्लैब में व्यापक बदलाव की घोषणा की है। इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक की आय पहले की तरह मुक्त रखी गई है जबकि 2.5 से पांच लाख तक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगेगा।

पांच से साढ़े सात लाख रुपये तक की आय पर 10 प्रतिशत, साढ़े सात से 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 प्रतिशत, 10 से 12.5 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 12.5 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 25 प्रतिशत की दर से आयकर का प्रस्ताव किया गया है। पंद्रह लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगान का प्रस्ताव है। खेती-बाड़ी को बढ़ावा देने के लिये वित्त मंत्री ने राज्यों से कृषि भूमि पट्टे, विपणन और ठेका खेती के लिए तीन केंद्रीय मॉडल कानूनों... कृषि भूमि पट्टा आदर्श अधिनियम-2016, कृषि उपज और पशुधन मंडी आदर्श अधिनियम -2017, कृषि उपज एवं पशुधन अनुबंध खेती, सेवाएं संवर्धन एवं सुगमीकरण आदर्श अधिनियम-2018... को अपनाने के लिए कहा। किसानों की आय बढ़ाने के लिये वित्त मंत्री ने उनके बंजर जमीन पर सोलर पंप लगाने के लिए 20 लाख किसानों को सहायता देने का प्रस्ताव किया है।

वित्तमंत्री ने कहा कि जिन किसानों के पास बंजर जमीनें हैं, उन्हें सौर बिजली इकाइयां लगाने और अधिशेष बिजली सौर ग्रिड को बेचने में मदद की जाएगी। उन्होंने बजट में किसानों की बेहतरी के लिये 16 बिंदुओं की कार्ययोजना तथा राज्यों को प्रोत्साहन देने के उपायों की घोषणा की है। बुनियादी ढांचे के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि देश में बुनियादी ढांचे के विकास और रोजगार सृजन के लिए सरकार ने 103 लाख करोड़ रुपये की अवसंरचना परियोजनाएं शुरू की हैं और वह राजमार्गों के निर्माण में तेजी लाने के साथ ही जल्द एक लॉजिस्टिक नीति लाने का प्रस्ताव भी किया। उन्होंने कहा कि ढांचागत परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिये एक परियोजना सुविधा केंद्र बनाया जाएगा और इस क्षेत्र से जुड़ी तमाम सरकारी एजेंसियों को इसके साथ जोड़ा जाएगा।

विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये उन्होंने देश में मोबाइल फोन, सेमी कंडक्टर एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विनिर्माण के लिये एक नयी योजना का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य हर जिले उत्पाद विशेष का निर्यात केंद्र बनाने का है। सरकार के खर्च बढ़ाने एवं कल्याणकारी योजनाओं पर व्यय बढ़ने से चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत से बढ़कर 3.8 प्रतिशत होने का अनुमान है। इस संबंध में वित्त मंत्री ने वित्तीय जवाबदेही एवं बजट प्रबंधन कानून (एफआरबीएम एक्ट) लक्ष्यों में 0.5 प्रतिशत तक विस्तार का प्रस्ताव किया है।

वित्त मंत्री ने वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.5 प्रतिशत तक सीमित रहने का अनुमान लगाया है। वहीं जीडीपी वृद्धि के बारे में उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 10 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वित्त मंत्री ने बजट में वित्त वर्ष 2020-21 में कुल प्राप्तियां 22.46 लाख करोड रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है और वर्ष के दौरान विभिन्न योजनाओं और बेहतर जीवन स्तर के लिये जरूरी खर्च को ध्यान में रखते हुए कुल 30.42 लाख करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है। 

Web Title: Budget 2020: please the farmers, try to give relief to middle class, know big things in the budget

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