Budget 2020: मोदी सरकार ने LIC की बड़ी हिस्सेदारी बेचने का किया ऐलान, जानें क्या है वजह

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 1, 2020 16:16 IST2020-02-01T16:16:31+5:302020-02-01T16:16:31+5:30

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ लेकर आएगी और इसके जरिए एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। हालांकि भाषण के दौरान वित्त मंत्री के इस ऐलान का सदन में विपक्षी सांसदों ने विरोध किया। 

Budget 2020: Modi government announced to sell large stake of LIC, know what is the reason | Budget 2020: मोदी सरकार ने LIC की बड़ी हिस्सेदारी बेचने का किया ऐलान, जानें क्या है वजह

Budget 2020: मोदी सरकार ने LIC की बड़ी हिस्सेदारी बेचने का किया ऐलान, जानें क्या है वजह

Highlightsउन्होंने कहा कि सराकर IDBI बैंक की हिस्सेदारी निजी कंपनियों को बेचेगी।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि सरकार एलाआईसी में अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के जरिए बेचने का प्रस्ताव करती है। 

Union Budget 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में किसानों की आय अगले 2 साल में दोगुनी करने की बात कही तो उन्होंने सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की बड़ी हिस्सेदारी बेचने का ऐलान कर दिया। इसके अलावा वित्त मंत्री ने आईडीबीआई बैंक में भी अपनी हिस्सेदारी बेचने की बात कही है। 

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ लेकर आएगी और इसके जरिए एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। हालांकि भाषण के दौरान वित्त मंत्री के इस ऐलान का सदन में विपक्षी सांसदों ने विरोध किया। 

उन्होंने कहा कि सराकर IDBI बैंक की हिस्सेदारी निजी कंपनियों को बेचेगी, लेकिन नियंत्रण सरकार के पास ही रहेगा। हालांकि उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया कि सरकार के पास कितनी हिस्सेदारी रहेगी। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में कहा कि सरकार एलाआईसी में अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के जरिए बेचने का प्रस्ताव करती है। 

बता दें कि नकदी के भंडार पर बैठे होने की वजह से एलआईसी सरकार के लिए भी संकटमोचन का काम करती रही है, इसने सार्वजनिक कंपनियों और बैंकों के शेयर खरीद कर उनको बचाने का काम किया है। लेकिन एलआईसी के नवीनतम बहीखाता देखने से कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आती है।

एलआईसी भी वैसी ही गलती करती दिख रही है, जैसा निजी क्षेत्र को हजारों करोड़ के लोन बांटकर सार्वजनिक बैंकों ने किया है. इस वित्त वर्ष यानी 2019-20 के पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर) में एलआईसी की गैर निष्पादित संपत्त‍ि यानी NPA में 6.10 फीसदी की बढ़त हुई है। यह एनपीए निजी क्षेत्र के यस बैंक, आईसीआईसीआई, एक्सिस बैंक के करीब ही है. कभी बेस्ट एसेट क्वालिटी के लिए ये मशहूर ये निजी बैंक बदले माहौल में बढ़ते एनपीए से परेशान दिख रहे हैं।

2019-20 की दूसरी तिमाही में यस बैंक का सकल एनपीए 7.39 फीसदी, आईसीआईसीआई का एनपीए 6.37  फीसदी और एक्सिस बैंक का एनपीए 5.03 फीसदी पहुंच गया था।

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