बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने नागरिकता संशोधन बिल के वर्तमान स्वरूप को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि इसे पुनर्विचार के लिए संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को इस बिल को संसद के वर्तमान सत्र में पेश होने को मंजूरी दी थी।
बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को इस बिल के वर्तमान स्वरूप पर आपत्ति जताते हुए कहा, 'पार्टी नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) के वर्तमान स्वरूप के खिलाफ है, सरकार को विधेयक के पहलुओं पर पुनर्विचार करना चाहिए और इसे संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए।'
सरकार जल्द करेगी नागरिकता संशोधन बिल को संसद में पेश
केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद सरकार इस बिल को अगले कुछ दिनों में संसद में पेश कर सकती है। सरकार ने इस बिल को पिछले सत्र में भी पास कराने की कोशिश की थी, तब ये लोकसभा से तो पास हो गया था लेकिन बहुमत ने होने के कारण ये राज्यसभा में पास नहीं हो सका था।
नागरिकता संशोधन बिल का उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर भागकर भारत आने वाले छह समुदायों-हिंदू, सिख, जैन बौद्ध, ईसाई और पारसी धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता का पात्र बनाना है।