गुर्दे की बीमारी से पीड़ित बड़ी बहन को भाई ने दिया जीवनदान

By भाषा | Updated: August 21, 2021 17:31 IST2021-08-21T17:31:38+5:302021-08-21T17:31:38+5:30

Brother donated life to elder sister suffering from kidney disease | गुर्दे की बीमारी से पीड़ित बड़ी बहन को भाई ने दिया जीवनदान

गुर्दे की बीमारी से पीड़ित बड़ी बहन को भाई ने दिया जीवनदान

रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर एक भाई ने गुर्दे की बीमारी से पीड़ित अपनी बहन को गुर्दा दान करके जीवनदान दिया।आकाश हेल्थकेयर के डॉक्टरों ने यहां बताया कि हरियाणा के रोहतक की रहनेवाले 31वर्षीय महिला पिछले पांच साल से गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थी और लंबे समय से उसका इलाज करा रही थी। इसी दौरान हालांकि उच्च रक्तचाप पर ध्यान नहीं देने की वजह से उसके गुर्दे को नुकसान पहुंचा। डॉक्टरों ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश, कई अन्य मरीजों की तरह ही वह भी डायलिसिस से जुड़ी भ्रांतियों का शिकार हो गई और इस प्रक्रिया को शुरू करने में देरी की। इसकी वजह से उसकी हालत और खराब हो गई। तीन साल पहले उसकी हालात अचानक बिगड़ गई और उसे आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इसके बाद कमजोर प्रतिरोधक क्षमता की वजह से वह तपेदिक का शिकार हो गई और हृदय के काम करना बंद करने से उसके फेफड़े में द्रव भर गया।’’ डॉक्टरों ने बताया कि डायलिसिस में विलंब और अनियंत्रित रक्तचाप की वजह से उसका हृदय कमजोर होने लगा। अन्य इलाज के साथ डायलिसिस प्रक्रिया भी शुरू हुई और उचित इलाज से उसके स्वास्थ्य में सुधार होने लगा। हालांकि, उसकी संपूर्ण स्थिति की जांच और उसके कम उम्र को देखते हुए डॉक्टरों ने गुर्दा प्रतिरोपण की सलाह दी। महिला का गुर्दा प्रतिरोपण करनेवाले द्वारका के आकाश हेल्थकेयर के गुर्दा से संबंधित विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉक्टर विक्रम कालरा ने कहा कि उसे अस्पताल में तीन बार डायलिसिस की ज़रूरत पड़ने लगी थी और बाद में उसका गुर्दा प्रतिरोपण किया गया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि महिला के परिवार के कई लोगों ने गुर्दा दान करने की पेशकश की लेकिन रक्त समूह नहीं मिलने की वजह से वह इसके लिए सही उम्मीदवार नहीं पाये गये। इसके बाद उसके 28 वर्षीय भाई का रक्त समूह मिल गया और पांच घंटे की सर्जरी में गुर्दा प्रतिरोपण कर दिया गया। महिला के शरीर ने इस अंग को स्वीकार भी कर लिया और उसके हृदय गति में भी सुधार देखा गया। उन्होंने बताया कि वह अब सामान्य जीवन जी सकती है और जब कभी चाहे तो माँ भी बन सकती है। युवक ने कहा, ‘‘ मेरी बहन काफी पीड़ा में थी। यह बर्दाश्त से बाहर था। डॉक्टरों ने जब कहा कि रक्त समूह मिलने की वजह से अंगदान कर सकता हूं और उन्होंने जब मेरे सारे सवालों के जवाब दे दिए तो मैंने गुर्दा दान करने के लिए हामी भरने से पहले एक बार भी नहीं सोचा। वह मेरे लिए बेशकीमती है और मैं बहुत खुश हूं कि वह अब ख़ुशी से अपना जीवन जी सकती है।

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Web Title: Brother donated life to elder sister suffering from kidney disease

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