लोकमत समाचार सेवा
चंडीगढ़, 26 जूनः यह कैसी बीमारी है ,जिसे डॉक्टर भी नहीं समझ पा रहे हैं। अनोखी बीमारी से जूझ रहे बच्चों ने अपना ही नाक नोच कर जख्म कर लिए हैं, लेकिन उन्हें जरा भी दर्द महसूस नहीं होता। मां-बाप अपने बच्चों केहाथ बांधने को मजबूर हो गए हैं। ताकि वे अपने चेहरे को न नोच सकें।
पंजाब के जालंधर में बस्ती बाबा खेल के भाई-बहन को अनोखी बीमारी ने घेर रखा है। चंडीगढ़ स्थित पीजीआई के डॉक्टरों ने इस मामले को रेयर डिजीज की श्रेणी में रखा है। डॉक्टर स्टडी कर रहे हैं कि क्या पहले भी किसी बच्चेको ऐसी बीमारी हुई है। डीएनए जैनेटिक्स की रिपोर्ट आने के बाद इन बच्चों के चेहरे पर प्लास्टिक सर्जरी करनी पड़ेगी।
डॉक्टर अनुराधा कुमारी के मुताबिक ऐसा जींस में विकार की वजह से हो सकता है। दीक्षा जब कुछ महीने की थी, तब उसकी नाक पर एक फुंसी निकल आई थी। उसने अपने नाखून से फुंसी को छील लिया, लेकिन उसे दर्द महसूस नहीं हुआ, इसीलिए वह रोइ भी नहीं। फिर उसके नाक के पास से चमड़ी उतरनी शुरू हो गई।
जब बेटा मयंक पैदा हुआ तो कुछ महीने बाद उसे भी यह बीमारी हो गई। दीक्षा और मयंक नाखूनों से अपना इतना मांस नोच लेते हैं कि उनकी हड्डियां दिखने लगती हैं। चेहरे का पहला जख्म ठीक नहीं होता, इससे पहले ही वे दूसरा जख्म बना लेते हैं। बच्चे अपना नाक नहीं खुजा पाएं, इसलिए उनके माता-पिता उनके हाथ बांध कर रखते हैं।
पीजीआई के डॉक्टर भी उनकी बीमारी को अभी तक समझ नहीं पाए हैं। डीएनए कराया जा चुका है। इसकी रिपोर्ट अभी आनी है। बच्चों के पिता दिलीप कुमार का कहना है कि वे इलाज पर अपने पीएफ के पांच लाख रुपए खर्च कर चुके हैं। स्पोर्ट्स मार्किट की एक फ़ैक्टरी में मजदूरी कर रहे दिलीप अपने मालिक से भी 25 हजार रुपए उधार ले चुके हैं। कुछ कारोबारियों ने भी उसकी आर्थिक मदद की है।
बच्चों की मां राधा के मुताबिक दीक्षा और मयंक नहीं बता पाते कि अपने नाक को वे क्यों नोचते रहते हैं। बच्चों की इस अनोखी बीमारी ने दिलीप के घर की माली हालत खराब कर दी है।
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