Breaking News: निर्भया के दोषियों की तीसरी बार टली फांसी, पटियाला कोर्ट ने डेथ वारंट पर लगाई रोक
By स्वाति सिंह | Published: March 2, 2020 05:38 PM2020-03-02T17:38:34+5:302020-03-02T17:45:30+5:30
निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड केस के दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका सोमवार को राष्ट्रपति ने खारिज दिया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटिशन खारिज कर दी है।
निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के चारों दोषियों की फांसी एक बार फिर टल गई है। चारों दोषियों में से एक पवन की दया याचिका राष्ट्रपति के सामने लंबित होने की वजह से पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। पूर्व आदेश के मुताबिक चारों को कल 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी होनी थी।
निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड केस के दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका सोमवार को राष्ट्रपति ने खारिज दिया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटिशन खारिज कर दी है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने पवन की उस ताजा अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया जिसमें उसने मंगलवार सुबह के मृत्यु वारंट पर रोक लगाने की मांग की है। न्यायाधीश ने सुधारात्मक और दया अर्जियां दायर करने में इतनी देरी करने के लिए दोषी के वकील की खिंचाई की।
पवन की सुधारात्मक याचिका इससे पहले दिन में उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दी थी। अदालत ने इससे पहले दिन में पवन और अक्षय कुमार सिंह की उन अर्जियों को खारिज कर दिया जिसमें दोनों ने अपने मृत्यु वारंटों पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। यद्यपि पवन के वकील ए पी सिंह ने कहा कि उन्होंने एक दया अर्जी दायर की है और फांसी की तामील पर रोक लगनी चाहिए।
2012 Delhi gang-rape case: A Delhi Court has deferred the matter as the mercy petition of one of the convicts, Pawan is pending before the President of India https://t.co/rwEpu1VLWk
— ANI (@ANI) March 2, 2020
अदालत ने उसके बाद उनसे कहा कि वह अपने मामले की जिरह के लिए दोपहर भोजनावकाश के बाद आएं। भोजनावकाश के बाद की सुनवायी के दौरान अदालत ने सिंह की यह कहते हुए खिंचाई की, ‘‘आप आग से खेल रहे हैं, आपको सतर्क रहना चाहिए। किसी के द्वारा एक गलत कदम, और आपको परिणाम पता हैं।’’
सुनवायी के दौरान तिहाड़ जेल प्राधिकारियों ने कहा कि दया याचिका दायर होने के बाद गेंद अब सरकार के पाले में है और न्यायाधीश की फिलहाल कोई भूमिका नहीं है। प्राधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति जेल प्रशासन से पवन की दया याचिका पर एक स्थिति रिपोर्ट मांगेंगे और जब वह होगा, उससे फांसी की तामील पर स्वत: ही रोक लग जाएगी।