असम के कछार जिले में निष्कासन अभियान के दौरान मिजोरम के कथित शरारती तत्वों द्वारा संदिग्ध आईईडी धमाका करने के कुछ घंटों के बाद ही शनिवार देर रात मिजोरम की सीमा में एक के बाद एक दो धमाके हुए। जिले के खुलीचेरा इलाके में तनाव व्याप्त है, खबर है कि कुछ दिन पहले मिजोरम के लोग असम की सीमा में साढ़े छह किलोमीटर अंदर आ गए जिसके बाद असम पुलिस और नागरिक प्रशासन ने निष्कासन अभियान शुरू किया।
असम पुलिस के सूत्र ने बताया, 'मिजोरम की सीमा से शनिवार और रविवार की दरमियानी रात 2.40 बजे और 2.43 बजे दो धमाकों की आवाज सुनी गई। खुलीचेरा के प्वांइट-दो पर तटस्थ बल के रूप में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों से मिजोरम की सीमा में हुए संदिग्ध धमाकों का पता लगाने को कहा गया है।' उन्होंने बताया कि स्थिति सामान्य है लेकिन अब भी तनाव बना हुआ है। सीमावर्ती इलाकों में असम पुलिस के जवान सतर्क हैं।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को असम सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल को निशाना बनाकर धमाका किया गया जो सीमा के साथ सड़क निर्माण का मुआयना करने आए थे लेकिन इस धमाके में कोई हताहत नहीं हुआ। इस प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। सूत्र ने बताया कि शुरुआत में माना गया कि यह हथगोले से किया गया हमला है लेकिन बाद में पुलिस ने उपद्रवियों द्वारा धमाके में आईईडी (इम्प्रोवाइस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस)का इस्तेमाल करने का संदेह जताया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीमा) हरमीत सिंह मौके पर ही मौजूद हैं और स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि उन्होंने मिजोरम के अपने समकक्ष जोरमथंगा को पत्र लिखकर सीमा विवाद का समाधान उपग्रह मानचित्रण की मदद से करने को कहा है। उन्होंने कहा,'पूर्ण शांति के लिए, हम अंतर सीमा को केंद्रीय पुलिस बल को सौंप देंगे और इसके बाद सीमा विवाद का समाधान करेंगे। हम असम की संवैधानिक सीमा में सड़क का निर्माण कर रहे हैं। हमने एक इंच जमीन भी मिजोरम की नहीं ली है।'
गौरतलब है कि असम और मिजोरम के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है। दोनों राज्यों के बीच बराक घाटी के कछार, हैलाकांडी और करीमनगर जिले में सीमा को लेकर विवाद है। वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक नवीनतम तनाव की स्थिति तब उत्पन्न हुई जब शनिवार को मिजोरम से करीब 25 से 30 लोग खुलीचेरा सीआरपीएफ शिविर से 25 मीटर आगे आ गए और असम के भीतर जमीन का अतिक्रमण करने , वन मार्ग को साफ करने और सड़क निर्माण कार्य को रोकने की कोशिश की।