मुंबईःमहाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में हार के बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे काफी परेशान हैं। हाल ही में शिवसेना (उबाठा) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पराजित उम्मीदवारों के साथ बातचीत की थी। शिवसेना(उबाठा) विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) का घटक है। ठाकरे ने 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 97 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे जिनमें से 20 विजयी हुए। इस बीच चर्चा है कि ठाकरे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार से गठबंधन तोड़कर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) का चुनाव अकेले लड़ेंगे।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने शनिवार को संकेत दिया कि उनकी पार्टी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) का चुनाव अकेले लड़ सकती है। राउत ने पत्रकारों से कहा कि पार्टी कार्यकर्ता स्थानीय निकाय चुनावों में संगठन के अकेले लड़ने पर जोर दे रहे हैं क्योंकि लोकसभा या राज्य विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार दावेदार अधिक हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘उद्धव ठाकरे और अन्य पार्टी नेताओं के बीच बीएमसी चुनाव (अकेले लड़ने को लेकर) बातचीत जारी है। कार्यकर्ता चाहते हैं कि पार्टी अकेले चुनाव लड़े।’’ बीएमसी पर अविभाजित शिवसेना का 1997 से 2022 तक लगातार 25 वर्ष नियंत्रण था। बीएमसी के पिछले निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल मार्च 2022 की शुरुआत में समाप्त हो गया था।
राउत ने कहा कि मुंबई में पार्टी की ताकत निर्विवाद है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमें मुंबई में (विधानसभा चुनावों के दौरान) लड़ने के लिए और सीट मिलतीं तो हम उन्हें जीत लेते।’’ राउत ने दावा किया कि मुंबई को जीतना जरूरी है, अन्यथा यह शहर महाराष्ट्र से अलग हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि जब (अविभाजित) शिवसेना का भाजपा के साथ गठबंधन था तब भी हमने बीएमसी और अन्य नगर निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़े थे। हम ऐसा करने के तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं। पुणे, पिंपरी-चिंचवड और नासिक नगर निकायों में एमवीए बरकरार रहेगा।’’
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पिछले सप्ताह कहा था कि शिवसेना अगले साल होने वाले बीएमसी चुनाव सत्तारूढ़ महायुति के तहत लड़ेगी। शिवसेना प्रमुख शिंदे ने कहा था, ‘‘बीएमसी चुनाव सभी 227 नगर निगम वार्ड में महायुति (गठबंधन) के रूप में लड़ा जाएगा।’’ भाजपा, शिवसेना और राकांपा महायुति गठबंधन का हिस्सा हैं।