प्रदर्शन स्थलों पर अवरोधक, किसानों की मांग को लेकर संसद में हंगामा

By भाषा | Updated: February 2, 2021 22:09 IST2021-02-02T22:09:35+5:302021-02-02T22:09:35+5:30

Blockers at protest sites, uproar in Parliament over farmers' demand | प्रदर्शन स्थलों पर अवरोधक, किसानों की मांग को लेकर संसद में हंगामा

प्रदर्शन स्थलों पर अवरोधक, किसानों की मांग को लेकर संसद में हंगामा

नयी दिल्ली, दो फरवरी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर सीमेंट के अवरोधक, कंटीले तार और सड़कों पर लोहे की कीलें लगाये जाने के साथ बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनात किये जाने के बीच नये कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष ने मंगलवार को संसद में हंगामा किया।

पिछले साल सितंबर में लागू किये गये केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों पर चर्चा कराने की मांग करते हुए विपक्ष के सदस्यों ने आज संसद की कार्यवाही में बाधा डाली, जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी।

चंडीगढ़ में ,पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा बुलाई गई एक सर्वदलीय बैठक में तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग करने के साथ ही संकट के समाधान में ‘‘अत्यधिक देरी’’ के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया।

प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि ये नये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कमजोर कर देंगे।

दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित गाजीपुर को किले में तब्दील कर दिया गया है।

हालंकि, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के एक नेता ने दावा किया कि दूर दराज के इलाकों से समर्थक आंदोलन के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए अब भी आ रहे हैं।

बीकेयू के मेरठ क्षेत्र के प्रमुख पवन खटाना ने कहा, ‘‘ लेकिन सरकार के इस सुरक्षा इंतजाम का क्या मतलब है। कई स्तर पर अवरोधक लगाया जाना, हमारे सभी ओर की सड़कों पर लोहे की कीलें, कंटीलें तार लगाया जाना। इंसान को भूल जाइए, कोई जानवर को भी इस तरह से नहीं रखता। ’’

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भी किसानों के आंदोलन स्थलों के निकट पुलिस द्वारा सीमेंट एवं कंटीले तार के अवरोधक बनाए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उसे दीवार की बजाय पुल बनवाना चाहिए।

उन्होंने किसानों के आंदोलन स्थलों के निकट अवरोधक बनाए जाने से जुड़ी तस्वीरें साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘भारत सरकार, पुल बनाइए, दीवार नहीं।’’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘शासन की मोदी की शैली -- उन्हें खामोश कर दीजिए। उनका संपर्क काट दीजिए। उनका दमन कर दीजिए।’’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी इसी विषय को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री जी, अपने किसानों से ही युद्ध?’’

शिवसेना नेता संजय राउत ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की और कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन को अपनी पार्टी और महाराष्ट्र सरकार का समर्थन देने का ऐलान किया।

राउत ने कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निर्देश पर शिवसेना के अन्य नेताओं के साथ दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित गाजीपुर पहुंचे।

उन्होंने कहा कि शिवसेना ने पहले दिन से ही नए कृषि कानूनों का विरोध किया है और देश में जारी किसान आंदोलन का समर्थन करती है।

विरोध प्रदर्शन मंच के पास तिरपाल के नीचे राउत ने टिकैत के साथ संवाददाताओं को संबोधित किया।

टिकैत ने भी कहा, “किसान आंदोलन गैर राजनीतिक है और राउत समेत किसी भी नेता को मंच पर माइक या जगह नहीं दी गई।”

केंद्र सरकार पर तंज करते हुए राउत ने कहा, ‘‘यदि सरकार ने चीन से लगी सीमा पर भी सड़कों को इसी तरह से अवरूद्ध किया होता तो, चीनी सैनिक लद्दाख में घुसने में सफल नहीं होते। ’’

दिल्ली पुलिस के आयुक्त एस एन श्रीवास्तव और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को गाजीपुर बॉर्डर का दौरा किया और सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया।

श्रीवास्तव ने गाजीपुर, सिंघू और टीकरी बॉर्डर पर नये सुरक्षा उपायों का बचाव करते हुए 26 जनवरी को हुई हिंसा का जिक्र किया, जब पुलिसकर्मियों पर हमले के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया गया था और अवरोधकों को तोड़ दिया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘उस वक्त कोई सवाल क्यों नहीं किया गया था? हमने अब क्या कर दिया? हमने बस अवरोधक मजबूत किये हैं...।

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Web Title: Blockers at protest sites, uproar in Parliament over farmers' demand

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