भाकियू नेता नरेश टिकैत ने भाजपा को दी शक्ति प्रदर्शन की चुनौती

By भाषा | Updated: January 31, 2021 23:27 IST2021-01-31T23:27:19+5:302021-01-31T23:27:19+5:30

BKU leader Naresh Tikait challenges BJP to show strength | भाकियू नेता नरेश टिकैत ने भाजपा को दी शक्ति प्रदर्शन की चुनौती

भाकियू नेता नरेश टिकैत ने भाजपा को दी शक्ति प्रदर्शन की चुनौती

लखनऊ, 31 जनवरी भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के वरिष्ठ नेता नरेश टिकैत ने सत्तारूढ़ भाजपा को किसानों के मुकाबले अपनी शक्ति के प्रदर्शन की चुनौती देते हुए कहा है कि अब किसानों को अंदाजा हो गया है कि भाजपा सरकार से उन्हें मुकदमों के सिवा और कुछ नहीं मिलने वाला।

रविवार की शाम सोशल मीडिया पर साझा एक वीडियो में टिकैत ने कहा, ‘‘इस बिल को दबा दो, यह आग है, यह बहुत नुकसान की आग है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर कानून वापस लिए जाते हैं तो सरकार को कोई नुकसान नहीं होगा। विधेयकों को डेढ़ साल तक ठंडे बस्ते में डालना होगा। अपनी गलती मानें और बातचीत करें।’’

भाकियू नेता ने कहा, ''(इस सरकार में) जो जिम्मेदार हैं...राजनाथ जी हैं, उनकी भी कितनी तौहीन इस सरकार में हो रही है। जो हमारे बागपत के सांसद हैं, वे भी डरे हुए हैं।''

टिकैत ने शनिवार को मुजफ्फरनगर में अपने घर पर आयोजित किसान पंचायत से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ''भाजपा सरकार के उत्तर प्रदेश में चार साल हो गए लेकिन उसने 10 रुपये ही गन्ना मूल्य बढ़ाया है। हमें तो अब ऐसा लगता है कि हाथी के दांत खाने के कुछ और हैं, दिखाने के कुछ और। प्रदेश सरकार हो या केन्द्र सरकार हो, हमें कोई फायदा होने वाला नहीं है। किसानों ने मन बना लिया है। हमें सरकार से मुकदमों के सिवा और कुछ नहीं मिलने वाला।’’

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने गणतंत्र दिवस, मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के बाद शनिवार को सर्वदलीय बैठक में कहा था कि प्रदर्शनकारी किसानों के लिए उनकी सरकार का प्रस्ताव अब भी बरकरार है और बातचीत करने के लिए बस संपर्क करने भर की जरुरत है।

हालांकि इससे पहले गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद गाजियाबाद प्रशासन ने आंदोलनकारी किसानों को प्रदर्शन स्थल खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया था।

उन्होंने सरकार को जिद छोड़कर कृषि कानून वापस लेने की सलाह देते हुए आगाह किया, ''सरकार हमें कमजोर न माने। हम किसी भी सूरत में नहीं मानेंगे। सरकार गोली चलायेगी तो वह हमारी छाती में ही लगेगी, पीठ पर नहीं।''

उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा, ''जहां तक शक्ति प्रदर्शन की बात है तो एक मैदान में भाजपा अपनी रैली कर ले। अगले दिन उसी मैदान में हम अपना कार्यक्रम करेंगे। जहां पर भाजपा की पूरी ताकत हो, उत्तर प्रदेश में रख लो या हरियाणा में रख लो, वहां भाजपा अपना शक्ति प्रदर्शन करे। बाद में हम कर लेंगे। तब सरकार को अपनी ताकत का अंदाजा लग जाएगा। हमारे पास इतना जनसमूह है कि हम उन्हें हर जगह फेल कर देंगे।''

उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, ''ऐसा गर्माहट का माहौल है कि कुछ भी हो सकता है। सारे भारत में आज चिंगारी है। बंगाल का चुनाव है, उस चुनाव का ध्यान करेंगे। हर साल एक—दो राज्यों में चुनाव है... यह क्या करेंगे।''

किसान आंदोलन में राजनीतिक दलों की भागीदारी के औचित्य के बारे में पूछे जाने पर टिकैत ने कटाक्ष करते हुए कहा, ''क्या भाजपा राजनीति नहीं कर रही है। भाजपा एक तीर से कई निशाने साध रही है। सरकार अपनी जिद छोड़कर किसानों की बात मान ले। सरकार ने गलत जगह हाथ डाल दिया है। यहां पर उसकी बात का कोई असर नहीं पड़ेगा।''

टिकैत ने गाजियाबाद के लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर को बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा, ''किसानों के सम्मान को ठेस पहुंचायी गयी। बिल की बात तो बाद में है। जो किसान हमारे एक इशारे पर आंदोलन कर रहे हैं, उनके साथ ऐसी बेअदबी और बदतमीजी? क्या भाजपा वालों को इतना हक मिल गया कि एक विधायक वहां जाकर लाठीचार्ज करवा दे। उसकी सदस्यता भंग करो। हम मुख्यमंत्री जी तक संदेश पहुंचाना चाहते हैं कि यह दागी विधायक है, उसे तुरंत निकालो।’’

उन्होंने एक सवाल पर कहा, ''जहां तक गुर्जर समाज की बात है तो उसका हमें पूरा समर्थन है। हमारे कई बड़े पदाधिकारी गुर्जर हैं। गुर्जर हमेशा समाज के साथ रहे। एक आदमी की वजह से पूरी बिरादरी पर उंगली नहीं उठाई जा सकती। अगर वह गलती मान ले तो हमारा दिल तो बड़ा है। वह गाजीपुर बॉर्डर पर एक दिन की सेवा दे तो हम उसे माफ कर देंगे।’’

टिकैत ने कहा कि उनके संगठन में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। यह संगठन 33 साल से चल रहा है। इसमें टकराव की कभी कोई बात नहीं हुई।

गौरतलब है कि नवंबर के अंत से किसान केन्द्र के नए कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। इसी सिलसिले में किसानों ने गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाला। लेकिन कई जगह उग्रता और तोड़फोड़ के कारण पुलिस के साथ किसानों की झड़प हुई और पुलिस को लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा।

किसानों का एक समूह लाल किला भी पहुंच गया और वहां गुंबद पर तथा ध्वजारोहण स्तंभ पर झंडे लगा दिए। इस स्तंभ पर केवल राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जाता है।

इस घटना के बाद गाजियाबाद जिला प्रशासन ने गाजीपुर बॉर्डर (यूपी गेट) पर मौजूद आंदोलनकारी किसानों को जगह खाली करने की चेतावनी देते हुए कहा था कि ऐसा नहीं होने पर वह कार्रवाई करेगी।

प्रशासन के इस रुख पर राकेश टिकैत ने बृहस्पतिवार को पीटीआई/भाषा को भेजे एक संदेश में कहा, "मैं आत्महत्या कर लूंगा लेकिन तब तक आंदोलन समाप्त नहीं करूंगा जब तक कि कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर दिया जाता।" उस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए वह रो पड़े। उनके आंसुओं का असर है कि गाजीपुर बॉर्डर पर तंबुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है औरभाकियू के अनुसार, रविवार को वहां 10,000 से ज्यादा लोग एकत्र हैं।

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