येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाने पर भाजपा दुष्परिणाम झेलेगी: संतों एवं कांग्रेस नेता

By भाषा | Updated: July 20, 2021 16:09 IST2021-07-20T16:09:09+5:302021-07-20T16:09:09+5:30

BJP will face consequences if Yeddyurappa is removed from the post of Chief Minister: Saints and Congress leaders | येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाने पर भाजपा दुष्परिणाम झेलेगी: संतों एवं कांग्रेस नेता

येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाने पर भाजपा दुष्परिणाम झेलेगी: संतों एवं कांग्रेस नेता

बेंगलुरु, 20 जुलाई कर्नाटक में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वर्ग में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को हटाये जाने को लेकर चल रही चर्चा के बीच विभिन्न दलों के प्रमुख वीरशैव-लिंगायत राजनीतिक नेताओं एवं संतों ने उनके पीछे अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

इस प्रभावशाली समुदाय के कई संतों एवं नेताओं ने भाजपा को 78 वर्षीय कद्दावर लिंगायत नेता को मुख्यमंत्री के पद से हटाये जाने के विरूद्ध आगाह किया है। कर्नाटक में लिंगायत करीब 16 फीसद हैं। वीरशैव-लिंगायत समुदाय भाजपा का अहम वोटबैंक समझा जाता है।

येदियुरप्पा को हटाये जाने की अटकलें फिर तेज होने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं ‘ऑल इंडिया वीरशैव महासभा’ के प्रमुख शमानुर शिवशंकरप्पा ने कहा कि यह समुदाय उनके पीछे मजबूती से खड़ा है।

उन्होंने येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने के बारे में भाजपा में चल रहे मंथन की खबर के बारे में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘ उसे (भाजपा नेतृत्व को) एस निजलिंगप्पा, वीरेंद्र पाटिल, जे एच पटेल और एस आर बोम्मई (सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों) से जुड़ा इतिहास याद कर लेना चाहिए। यदि वह ऐसा कोई कुछ भी करने की चेष्टा करता है तो वह अपना ही सर्वनाश करेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ वीरशैव महासभा उनके पीछे खड़ी है.. जबतक येदियुरप्पा रहेंगे तबतक भाजपा रहेगी। यदि येदियुरप्पा को परेशान किया गया तो चीजें खत्म हो जाएंगी।’’

लिंगायत समुदाय के अन्य कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री एम बी पाटिल ने चेतावनी दी कि यदि भाजपा ने येदियुरप्पा जैसे कद्दावर नेता के साथ ‘बुरा बर्ताव’ किया जो भाजपा लिंगायतों के कोप का भाजन बन सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा को येदियुरप्पा के योगदान का महत्व समझना चाहिए और उनके साथ मर्यादापूर्वक बर्ताव करना चाहिए। यह मेरा निजी विचार है, मैं समझता हूं कि प्रस्तावित बदलाव भाजपा का अंदरूनी विषय है।’’

वैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के बयान को वीरशैव-लिंगायत समुदाय में अपने प्रति समर्थन बढ़ाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि चित्रदुर्ग के श्री जगदगुरु मुरुघराजेंद्र मठ के प्रमुख मुरुघ शरानु, बालेहोन्नून के रांभपुरी पीठ के श्री वीर सोमेश्वर शिवाचार्य स्वामी और श्रीशैल जगदगुरू चन्ना सिद्धधर्म पंडिताराध्य जैसे समुदाय के प्रमुख संतों ने भी येदियुरप्पा को उनके पद बनाने रखने की वकालत की है और भाजपा को उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने के विरूद्ध चेतावनी दी है।

वीर सोमेश्वर शिवाचार्य स्वामी ने कहा कि येदियुरप्पा को हटाने के किसी भी कदम का भाजपा के लिए ‘बड़े दुष्परिणाम’ होंगे।

सिद्धधर्म पंडिताराध्य ने कहा, ‘‘ येदियुरप्पा भले ही वृद्ध हो गये हों लेकिन वह अब भी काम कर रहे हैं। उन्हें उनके पद पर बने रहने दिया जाना चाहिए।’’

कुछ विश्लेषकों का कहना है कि येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री के अपने पिछले कार्यकाल में मठों एवं धार्मिक संस्थानों को उदारतापूर्वक अनुदान दिया जिससे उनके प्रति एक विश्वास पैदा हुआ है। येदियुरप्पा को मुख्मयंत्री पद से हटाये जाने की अटकलों के बीच हाल ही उनके बेटे और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने वीरशैव लिंगायत समुदाय के प्रमुख संतों के साथ कई बैठकें की थीं जिससे राजनीतिक हलकों में भुकृटि तन गयी थी।

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