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भाजपा महाराष्ट्र सरकार को गिराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का कर रही ‘‘इस्तेमाल’’ : संजय राउत

By भाषा | Updated: December 28, 2020 17:30 IST

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मुंबई, 28 दिसंबर शिवसेना के सांसद संजय राउत ने सोमवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को ‘‘अस्थिर’’ करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का ‘‘इस्तेमाल’’ किया जा रहा है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राउत की पत्नी को एक मामले में तलब किया है, जिसके बाद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर हमला किया है।

राउत ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा नेताओं के पास कांग्रेस और राकांपा के 22 विधायकों की सूची है ‘‘जिनके बारे में दावा था कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के दबाव में वे इस्तीफा दे देंगे।’’

शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस घटक है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद के बाद शिवसेना और भाजपा के रास्ते अलग हो गए थ। इसके बाद महा विकास आघाड़ी सरकार का गठन हुआ था।

राउत ने कहा, ‘‘भाजपा के कुछ नेता पिछले एक साल से मुझसे संपर्क कर कह रहे हैं कि उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने के लिए सारे इंतजाम कर लिए हैं। वे मुझपर दबाव बना रहे हैं और मुझे धमका रहे हैं।’’

राउत ने कहा, ‘‘उन्होंने (भाजपा नेताओं ने) मुझसे कहा कि उनके पास कांग्रेस और राकांपा के 22 विधायकों की सूची है जो कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के दबाव में इस्तीफा दे देंगे।’’

अधिकारियों ने रविवार को बताया था कि प्रवर्तन निदेशालय ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को पीएमसी बैंक धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए 29 दिसंबर को तलब किया है। तीसरी बार उनको तलब किया गया है इससे पहले दो मौके पर उन्होंने स्वास्थ्य का हवाला देकर आने से इनकार कर दिया था।

क्या वर्षा राउत ईडी के सामने पेश होंगी, यह सवाल पूछे जाने पर संजय राउत ने कहा, ‘‘मैं राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से भी चर्चा करूंगा ।’’

राउत ने दावा किया कि उनके पास भाजपा के 120 नेताओं की सूची है जिनके खिलाफ धन शोधन मामले में ईडी को जांच करनी चाहिए।

राउत ने कहा, ‘‘ मेरी पत्नी शिक्षिका हैं, भाजपा के नेताओं की तरह हमारी संपत्ति बढ़कर 1600 करोड़ रुपये नहीं हो गयी है।’’

ईडी द्वारा उनकी पत्नी को तलब किए जाने संबंधी सवाल पर राउत ने आरोप लगाया कि (भाजपा के) राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के परिवार के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का ‘हथियार’ की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।

राउत ने संवाददाताओं से कहा कि ईडी की कार्रवाई उनके खिलाफ भाजपा की ‘हताशा’ को दिखाता है क्योंकि उन्होंने पिछले साल महा विकास आघाड़ी सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी और किसी भी दबाव के आगे नहीं झुके।

राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘मेरी पत्नी ने 10 साल पहले एक मकान की खरीदारी के लिए एक दोस्त से 50 लाख रुपये का कर्ज लिया था। उस संबंध में पिछले डेढ़ महीने से प्रवर्तन निदेशालय के साथ लगातार पत्र-व्यवहार हुआ है।’’

उन्होंने कहा कि पत्र-व्यवहार के दौरान इस कर्ज राशि को लेकर सभी विवरण ईडी को मुहैया करा दिए गए थे।

संजय राउत ने कहा, ‘‘जब ईडी ने पत्र व्यवहार में पीएमसी बैंक मामले और एचडीआईएल के मामले का जिक्र ही नहीं किया तो भाजपा के नेता ऐसा कैसे कह सकते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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