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सीएए, हिंदुत्व की राजनीति के जरिए भाजपा असमिया पहचान को नष्ट करने की कोशिश कर रही: कांग्रेस

By भाषा | Updated: January 24, 2021 21:33 IST

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गुवाहाटी, 24 जनवरी कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि भाजपा का एजेंडा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और हिंदुत्व की राजनीति के जरिए असमिया पहचान को नष्ट करना है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रद्युत बोरदोलोई ने कहा कि सीएए थोपकर असम समझौते का उल्लंघन किया गया, जो असमिया भाषा और संस्कृति के प्रति भाजपा के रवैये को बयां करता है।

नौगांव से सांसद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जानी-मानी हस्तियों को पुरस्कार देकर असमिया भाषा और संस्कृति की रक्षा करने का भाजपा का दावा सीएए और हिंदुत्व की राजनीति के जरिए असमिया पहचान को नष्ट करने के उसके एजेंडे को छिपाने का प्रयास है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा राज्य के स्कूलों और कॉलेजों का नाम बदलकर असमिया स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर नहीं, बल्कि दीन दयाल उपाध्याय जैसे आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) नेताओं के नाम पर रखने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दावा बेमतलब की बात है कि भाजपा ने उग्रवाद पर अंकुश लगाकर असम में शांति और स्थिरता सुनिश्चित की है, जबकि यह सर्वविदित है कि कांग्रेस सरकार को कई उल्फा नेताओं का आत्मसमर्पण करा कर और उनके पुनर्वास के जरिए राज्य में शांति लाने का श्रेय दिया जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘2006- 2016 से असम के विकास चार्ट से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस ने राज्य में स्थिरता और विकास के साथ प्रभावी ढंग से उग्रवाद पर अंकुश लगाया था।’’

बोरदोलोई ने आरोप लगाया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ का वास्तव में उद्देश्य केवल गुजरात और देश के अन्य हिस्सों के लोगों के लिए व्यवसाय को बढ़ावा देना है और राज्य में असमिया उद्यमियों के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।

उन्होंने कहा कि 2018 में मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए बोगीबील पुल का निर्माण कांग्रेस के शासन के दौरान 2011 में शुरू हुआ था। हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसके निर्माण की योजना पेश की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘पुल का निर्माण तब तक शुरू नहीं हुआ था, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने इसके लिए जोर नहीं दिया था और जब राज्य में भाजपा सत्ता में आयी, तब तक 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका था।’’

बोरदोलोई ने कहा कि भाजपा छह प्रमुख जनजातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के अपने वादे को दोहराने के बावजूद इसे निभाने में विफल रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी का यह दावा सच्चाई से बहुत दूर है कि असम और पूर्वोत्तर पर केंद्र से उचित ध्यान दिया है और पिछले छह वर्षों में अभूतपूर्व प्रगति हुई है।

बोरदोलोई ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट इंडस्ट्रियल एंड इनवेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विशेष दर्जे को खत्म कर दिया गया, जबकि असम के लिए अनुदान सहायता 2016 से कम हो रही है, जबकि राज्य और केंद्र में भाजपा सत्ता में है।

उन्होंने कहा कि असम में महिलाएं कभी भी इतनी असुरक्षित नहीं रही हैं और राज्य लगातार तीसरे वर्ष महिलाओं के खिलाफ अपराधों में नंबर एक स्थान पर रहा है, जबकि हर दिन सात महिलाओं में से एक महिला लैंगिक आधार पर हिंसा का सामना कर रही हैं।

प्रधानमंत्री ने असमिया लोगों को भूमि पट्टे वितरित करने के बाद शनिवार को कहा था कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार स्थानीय लोगों की भूमि, भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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