नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए नितिन नबीन को उनके पिता और पार्टी के दिग्गज नेता नवीन किशोर सिन्हा के निधन के कारण खाली हुई पटना पश्चिम विधानसभा सीट से महज 26 साल की उम्र में चुनाव मैदान में उतारा गया था। तब से लेकर लगभग दो दशकों में नबीन (45) बदले नाम वाले बांकीपुर से लगातार जीत के बाद पांच बार विधायक रह चुके हैं और पूरी संभावना है कि वे भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे। यह पहली बार होगा कि बिहार से कोई नेता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होगा।
अप्रत्याशित उम्मीदवारों को नियुक्त करने के लिए जानी जाने वाली भाजपा के शीर्ष पद के लिए हुए चयन ने एक बार फिर सबको चौंका दिया। नवीन स्वयं अपने निर्वाचन क्षेत्र में सार्वजनिक कार्यक्रमों में व्यस्त थे, जहां उन्होंने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में अपनी जीत के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया।
भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में उनके नाम की घोषणा से काफी पहले एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि वह पार्टी के उन कार्यकर्ताओं के सामने नतमस्तक होते हैं जिनकी कड़ी मेहनत से कई नितिन नबीन पैदा होते हैं। संयोगवश, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा (65) का जन्म भी बिहार में हुआ था और उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पटना में प्राप्त की।
जिसके बाद वे अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश चले गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं नबीन की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने एक मेहनती कार्यकर्ता के रूप में अपनी विशिष्टता साबित की है। मोदी ने कहा, “वह एक युवा और कर्मठ नेता हैं जिनके पास समृद्ध संगठनात्मक अनुभव है और बिहार में कई बार विधायक एवं मंत्री के रूप में उनका प्रभावशाली रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लगन से काम किया है।”
उन्होंने कहा, ‘‘वह अपने विनम्र स्वभाव और व्यावहारिक कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। मुझे विश्वास है कि उनकी ऊर्जा और समर्पण आने वाले समय में हमारी पार्टी को मजबूती प्रदान करेंगे।’’ कई अन्य नेताओं और भाजपा की विभिन्न राज्य इकाइयों ने भी युवा नेता को बधाई दी। कायस्थ समुदाय से आने वाले नबीन वर्तमान में बिहार में पथ निर्माण मंत्री हैं।
नड्डा को जनवरी 2020 में भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और वह अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। नड्डा को 2024 के लोकसभा चुनावों तक पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कार्यकाल विस्तार दिया गया था। नड्डा ने नबीन को “ज्ञान और संस्कृति की पवित्र भूमि बिहार से एक गतिशील नेता” बताया।
कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनके नेतृत्व में और प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में पार्टी नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी। गृह मंत्री और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि नबीन के पास जनता के बीच काम करने का व्यापक अनुभव है और उनकी पदोन्नति हर उस युवा भाजपा कार्यकर्ता के लिए सम्मान की बात है जो दिन-रात मेहनत करता है।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि नवीन युवा हैं और उन्हें शासन तथा जनता एवं संगठन के लिए काम करने का व्यापक अनुभव है। वे बिहार सरकार में कई बार मंत्री रह चुके हैं और भारतीय जनता युवा मोर्चा के लिए भी व्यापक रूप से काम कर चुके हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ और सिक्किम के प्रभारी के रूप में काम करने का अनुभव है।
छत्तीसगढ़ में भी पार्टी के पुनरुद्धार में उनकी भूमिका की भाजपा हलकों में काफी सराहना की गई। झारखंड के रांची में जन्मे नबीन के एक बेटा और एक बेटी हैं। उन्हें चुनावों में भारी बहुमत से जीत हासिल करने के लिए जाना जाता है, जिसकी शुरुआत 2006 में हुए पहले उपचुनाव से हुई थी, जिसमें उन्होंने लगभग 60,000 वोटों से जीत दर्ज की थी।
इस साल के अंत में हुए उपचुनाव में उन्होंने 51,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की। भाजपा के 1980 में गठन के बाद अटल बिहारी वाजपेयी पहले पार्टी अध्यक्ष बने थे और 1986 में लाल कृष्ण आडवाणी उनके उत्तराधिकारी बने थे।
आडवाणी ने तीन कार्यकाल तक भाजपा अध्यक्ष के रूप में कार्य किया जबकि इस पद पर रहने वाले अन्य लोगों में मुरली मनोहर जोशी, कुशाभाऊ ठाकरे, बंगारू लक्ष्मण, जना कृष्णमूर्ति, वेंकैया नायडू, राजनाथ सिंह (दो बार), नितिन गडकरी और अमित शाह शामिल हैं। नड्डा 2020 से इस पद पर हैं।