नई दिल्लीः भाजपा के वरिष्ठ नेता संबित पात्रा ने कृषि विधेयक के मुद्दे पर कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला बोला। कृषि विधेयक के मुद्दे पर किसानों को कथित रूप से विपक्षी दल भ्रमित कर रहे हैं।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल जी किसानों को भ्रमित करने के लिए बार-बार ट्वीट कर रहे हैं। राहुल जी कितना समझते हैं किसानी को! हां, माना उनके जीजा जी किसान हैं। आपको अंदर की बात बताता हूं कि रबी और खरीफ को वह भाजपा कार्यकर्ता समझते हैं। उन्हें तो यह पता भी नहीं कि यह फसलों का नाम है।
पात्रा ने कहा, ‘‘ विपक्षी पार्टियां किसानों को कृषि क्षेत्र से जुड़े विधेयकों को लेकर भ्रमित कर रही हैं। विपक्ष विधेयक के प्रावधानों के बारे में कुछ नहीं कह रहा है। वह अफवाह फैला रहा है कि किसानों को उनके उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिलेगा।’’ पात्रा ने कहा, ‘‘विधेयक में कहीं नहीं लिखा कि किसानों को एमएसपी नहीं मिलेगा। उन्हें पहले ही तरह इसका लाभ मिलता रहेगा।’’
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि गोवा में जिला पंचायत चुनाव में भाजपा ने अपने दम पर शानदार बहुमत प्राप्त किया है जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी कहीं आसपास भी नहीं है। बिहार विधानसभा चुनाव और 12 राज्यों में हुए उपचुनावों के बाद पार्टी को बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद, राजस्थान के स्थानीय निकाय, ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम और अन्य स्थानीय चुनावों में मिली जीत का उल्लेख करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि लद्दाख से लेकर कर्नाटक तक और गुजरात से लेकर मणिपुर तक की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी जी विकास यात्रा में अपनी अटूट आस्था व्यक्त करते हुए उनकी नीतियों में विश्वास व्यक्त किया है।
संबित पात्रा ने सीएम अरविंद केजरीवाल पर साधा निशाना
संबित पात्रा ने कहा कि आप तो वही अरविंद केजरीवाल जी और आम आदमी पार्टी हैं न जिसने जब पंजाब में चुनाव हुआ था तो अपने मेनिफिस्टो में घोषणा की थी कि अगर पंजाब में हम सत्ता में आ जाएंगे तो बिचौलियों को हटा देंगे और APMC के जो कानून हैं उनमें सुधार करेंगे और आज आप भूख हड़ताल पर बैठ गए।
‘‘ किसानों के पास विकल्प होगा कि वे अपना उत्पाद किसे बेचाना चाहते हैं। यह कृषि क्षेत्र का ही उदारीकरण नहीं है बल्कि देश के हर किसान के लिए छूट है। आजादी के बाद पहली बार किसान स्वतंत्रता का स्वाद चखेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कृषि सुधार कानून के बाद देश में जितने चुनाव हुए, उन सभी चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई है क्योंकि देश के गांव, गरीब, किसान और मजदूर मोदी सरकार और भाजपा के साथ है। ये परिणाम संभव नहीं होते अगर देश के किसान हमारे साथ नहीं होते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गरीब, ग्रामीण, किसान इस देश की रीढ़ हैं। पिछले दिनों में विभिन्न राज्यों में हुए चुनावों के नतीजे चिल्ला-चिल्ला कर कहते हैं कि गांव, गरीब और किसान मोदी जी के साथ खड़ा है।’’ पात्रा ने राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं और देश के कुछ अन्य स्थानों पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन को सोमवार को राजनीतिक गुटों की लड़ाई बताया और कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना भी साधा।
उन्होंने कहा, ‘‘किसान आंदोलन किसानों की नहीं बल्कि राजनीतिक गुटों की लड़ाई हो गई है। आम आदमी पार्टी और कैप्टन अमरिंदर सिंह के ट्विटर वार को देखिए। वो आपस में एक दूसरे से लड़ रहे हैं। ये किसानों के हित के लिए नहीं, आपस में सत्ता की लड़ाई लड़ रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर हमला किया।
इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर हमला किया। दिल्ली सीएम ने कहा कि दुख होता है जब किसानों को बदनाम करने के लिए कहा जाता है कि किसान आतंकवादी हैं, देशद्रोही हैं, किसान टुकड़े-टुकड़े गैंग और चीन-पाकिस्तान के एजेंट हैं। बता दूं इन्हीं किसानों के भाई-बेटे चीन और पाकिस्तान के बॉर्डर पर बैठकर देश की सुरक्षा कर रहे हैं।
पिछले हफ्ते मैं भी किसानों के पास जाना चाह रहा था लेकिन इन्होंने मेरे दरवाजे बंद कर दिए मुझे जाने नहीं दिया। लेकिन हमें क्या फर्क पड़ता है हमने घर पर बैठकर ही किसानों के आंदोलन की सफलता के लिए प्रार्थना कर ली। आज पूरी आम आदमी पार्टी उपवास पर बैठी है।
वार्ता की अगली तारीख तय करने के लिए सरकार उनसे संपर्क में
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि किसानों के साथ वार्ता की अगली तारीख तय करने के लिए सरकार उनसे संपर्क में है। गौरतलब है कि किसान यूनियनों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज कर दिया है और उन्होंने सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल की। तोमर ने कहा, ‘‘बैठक निश्चित रूप से होगी। हम किसानों के साथ संपर्क में हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी समय बातचीत के लिए तैयार है।
किसान नेताओं को तय करके बताना है कि वे अगली बैठक के लिए कब तैयार हैं। प्रदर्शनकारी किसानों की 40 यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की बातचीत की अगुवाई तोमर कर रहे हैं। इसमें उनके साथ केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश शामिल हैं।
केंद्र और किसान नेताओं के बीच अब तक हुई पांच दौर की वार्ताएं बेनतीजा रही हैं। सरकार ने किसान संघों को एक मसौदा प्रस्ताव उनके विचारार्थ भेजा है, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को जारी रखने का लिखित आश्वासन भी है, लेकिन किसान यूनियनों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और कानूनों को निरस्त करने की मांग की है।
तोमर ने कहा कि ये कानून किसानों की जिंदगी बदलने वाले हैं और इन कानूनों के पीछे सरकार की नीति और मंशा स्पष्ट है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने किसानों और किसान नेताओं को मनाने का प्रयास किया। हमारी इच्छा है कि वे प्रत्येक खंड पर बातचीत करने के लिए आएं। अगर वे हर खंड पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए तैयार हैं तो हम विचार-विमर्श के लिए तैयार हैं।’’
(इनपुट एजेंसी)