महाराष्ट्र: शिवसेना को जीताने में भी BJP का हाथ, रविशंकर ने कहा- उद्धव ठाकरे ने किसके इशारे पर उत्तेजित होकर तोड़ा 30 साल का रिश्ता
By पल्लवी कुमारी | Updated: November 23, 2019 15:25 IST2019-11-23T15:25:34+5:302019-11-23T15:25:34+5:30
महाराष्ट्र में नाटकीय घटनाक्रम के तहत देवेंद्र फड़नवीस के मुख्यमंत्री और अजित पवार के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने पर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि यह अजित पवार का निजी फैसला है, न कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का।

महाराष्ट्र: शिवसेना को जीताने में भी BJP का हाथ, रविशंकर ने कहा- उद्धव ठाकरे ने किसके इशारे पर उत्तेजित होकर तोड़ा 30 साल का रिश्ता
महाराष्ट्र में नाटकीय घटनाक्रम के तहत देवेंद्र फड़नवीस के मुख्यमंत्री और अजित पवार के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शिवसेना पर निशाना साधा। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा,'शरद पवार और कांग्रेस ने परिणाम के बाद बयान दिया था कि हमें विपक्ष में बैठने का जनमत मिला है। तो ये विपक्ष में बैठने का जनमत कुर्सी के लिए मैच फिक्सिंग कैसे हो गया था?' शिवसेना पर तंज करते हुए रविशंकर ने कहा, चुनाव के नतीजे आने के बाद शिवसेना किसके इशारे पर उत्तेजित हो गई थी, वो भी इतनी ज्यादा कि 30 साल का रिश्ता तोड़ने को तैयार हो गए।
रविशंकर ने कहा, 'भाजपा और शिवसेना ने जब बहुमत प्राप्त किया तो ये भाजपा गठबंधन की नैतिक और चुनावी विजय थी। चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना किसके इशारे पर उत्तेजक हो गई थी?'
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— BJP (@BJP4India) November 23, 2019
शिवसेना पर तंज करते हुए रविशंकर ने कहा, जो आदरणीय बाला साहब ठाकरे के आदर्शों को जीवित नहीं रख सके उनके विषय में कुछ नहीं कहना है। उनका प्रमाणिक कांग्रेस विरोध जग जाहिर है, उनकी राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रवाद और भारत की संस्कृति-संस्कार के प्रति समर्पण प्रमाणिक है। इसलिए दोनों पार्टियां साथ आईं थी लेकिन शिवसेना ने इसको हंसी का पात्र बना दिया।
रविशंकर ने कहा, कहा जा रहा है कि लोकतंत्र की हत्या की हो गई है। जब शिवसेना स्वार्थ भाव से प्रेरित होकर अपनी 30 साल की दोस्ती तोड़कर अपने घोर विरोधियों का दामन थाम ले तो ये लोकतंत्र की हत्या नहीं है क्या? और एक स्थाई सरकार के आग्रह पर देवेन्द्र फड़नवीस की अगुवाई में अजीत पवार के साथ बड़ा तबका आकर सरकार को सहयोग करे तो इसे लोकतंत्र की हत्या कहा जाता है।
बता दें कि महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन में शिवसेना ने चुनाव लड़ा था। लेकिन नतीजों के बाद शिवसेना ने बीजेपी से 50-50 फॉर्मूल की बात की ओर दोनों पार्टियां का एकमत नहीं हो पाया।
पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव में कुल 288 सदस्यीय सदन में से बीजेपी के हिस्से में 105 सीटें आयी थीं जबकि शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं। सत्ता में साझेदारी को लेकर नाराज शिवसेना ने बीजेपी के बिना राकांपा-कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने का प्रयास किया।
देवेंद्र फड़नवीस सीएम और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री की शपथ ली
महाराष्ट्र में अजित पवार के समर्थन से मुख्यमंत्री के तौर पर एक बार फिर भाजपा के देवेंद्र फड़नवीस ने सीएम पद की शपथ ली। राकांपा नेता अजित पवार ने भी राज भवन में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सुबह एक समारोह में दोनों को शपथ दिलायी जहां केवल आधिकारिक मीडिया ही मौजूद रही।
#WATCH Mumbai: Devendra Fadnavis takes oath as Maharashtra Chief Minister again, oath administered by Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhawan. pic.twitter.com/kjWAlyMTci
— ANI (@ANI) November 23, 2019
#WATCH Mumbai: NCP's Ajit Pawar takes oath as Deputy CM, oath administered by Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhawan. pic.twitter.com/TThGy9Guyr
— ANI (@ANI) November 23, 2019
फड़नवीस ने कहा, ''लोगों ने हमें स्पष्ट जनादेश दिया था लेकिन शिवसेना ने नतीजों के बाद अन्य दलों के साथ गठबंधन करने की कोशिश की जिसके बाद राष्ट्रपति शासन लगा। महाराष्ट्र को स्थायी सरकार की जरूरत है न कि ‘खिचड़ी’ सरकार की।''
उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद अजित पवार ने कहा, ''24 अक्टूबर को नतीजे आने से लेकर अब तक कोई पार्टी सरकार नहीं बना पा रही थी। महाराष्ट्र में किसानों के मुद्दों समेत कई दिक्कतें थी इसलिए हमने एक स्थायी सरकार बनाने का फैसला किया।''