मध्य प्रदेश में विधान परिषद गठन को लेकर बीजेपी ने उठाए सवाल, कहा- सरकार असंतोष को दबाने के लिए कर रही है ऐसा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 30, 2019 06:07 IST2019-10-30T06:07:29+5:302019-10-30T06:07:29+5:30
मध्य प्रदेश: भाजपा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि राज्य सरकार परिषद गठन के बहाने सरकार को लेकर पार्टी में उभर रहे असंतोष को दबाने का कार्य कर रही है. कमलनाथ सरकार इसके जरिए असंतुष्टों को मनाने की कवायद कर रही है.

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मध्यप्रदेश सरकार राज्य ने राज्य में विधान परिषद गठन को लेकर तेजी दिखानी शुरू कर दी है. वहीं इसे लेकर भाजपा सवाल उठा रही है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि सरकार असंतोष को दबाने के लिए ऐसा कर रही है. राज्य में कमलनाथ सरकार ने वचन पत्र में दिए वचन के अनुसार अब विधान परिषद गठन को लेकर तैयारी शुरु कर दी है. मंगलवार को इसे लेकर राज्य के मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती ने अधिकारियों की बैठक भी ली और इसका प्रारूप भी तैयार किया.
वहीं इसे लेकर भाजपा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि राज्य सरकार परिषद गठन के बहाने सरकार को लेकर पार्टी में उभर रहे असंतोष को दबाने का कार्य कर रही है. कमलनाथ सरकार इसके जरिए असंतुष्टों को मनाने की कवायद कर रही है.
सिंह ने कहा कि इस सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन बांटने के तक के लाले पड़े हैं, ऐसे में विधान परिषद का बजट कहां से लाएंगे. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने इस मुद्दे को जनता से जोड़ते हुए कहा कि इसका जनता पर सीधा असर पड़ेगा. विधान परिषद के गठन का बोझ भी जनता को ही उठाना पड़ेगा. सिंह ने विधान परिषद के गठन को लेकर कहा कि इस मामले में विपक्ष को विश्वास में लेने की जरूरत थी.
वहीं पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस की सरकार हठधर्मिता के साथ चल रही है. सरकार अपने असंतोष को छिपाने के लिए अलग-अलग प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि राजनैतिक रूप से इतना बड़ा फैसला बिना विपक्ष की सलाह के लेना निश्चित रूप से सरकार का गैर जिम्मेदाराना रुख है.
सारंग ने कहा कि सरकार एक तरफ वित्तीय संकट की बात कहती है, तो वहीं दूसरी ओर अपने ऐशो-आराम और राजनीतिक असंतुष्टों को संतुष्ट करने के लिए विधान परिषद का गठन करने जा रही है. उनका कहना है कि अभी परिषद का गठन करना उचित नहीं है. लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत हो, इसके हम पक्षधर हैं, लेकिन वो विपक्ष जो 109 की संख्या में है, उससे बिना पूछे इस तरह का फैसला देना गलत है.