सत्ताधारी बीजेपी ने परंपरा को तोड़ते हुए अधिकांश संसदीय समितियों की अध्यक्षता अपनी पार्टी के सांसदों को सौंपी है। वित्त, रक्षा और विदेश मामलों की स्थायी समिति की अध्यक्षा बीजेपी ने अपने पास ही रखी है। पूर्व में वित्त और विदेश मंत्रालय से जुड़ी स्टैंडिंग कमेटी की अध्यक्षा विपक्षी दल के नेता कौ सौंपा जाता रहा है। लोकसभा सचिवालय ने संसद की स्टैंडिंग कमेटी से जुड़ी जानकारी शुक्रवार देर रात जारी की है।
16वीं लोकसभा में कांग्रेस सांसद वीरप्पा मोइली वित्तीय मामलों पर बनी स्टैंडिंग कमेटी की अध्यक्षता कर रहे थे, जबकि शशि थरूर विदेश मामलों बनी स्टैंडिंग कमेटी यानी स्थायी समिति के अध्यक्ष थे। इस बार इन दोनों अहम कमेटियों की अध्यक्षता बीजेपी सांसदों को दी गई है। तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाले शशि थरूर को इस बार आईटी मंत्रालय से जुड़ी समितियों का अध्यक्ष बनाया गया है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट में कहा, 'सरकार ने विदेश मामलों की समिति की अध्यक्षता मुख्य विपक्षी दल से नहीं कराने का निर्णय लिया है। एक मैच्योर लोकतंत्र के रूप में हमारी नरम छवि और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को एक और झटका लगा है।'
उन्होंने कहा कि स्थायी समितियों के इतिहास में विदेश मामलों का नेतृत्व हमेशा लोकसभा के विपक्षी दल के सांसद द्वारा किया जाता है। हमारे राजनीतिक मतभेद देश की सीमाओं के बाहर नहीं जाने चाहिए। ये निराशाजनक है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को रक्षा मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति का सदस्य बनाया गया है। बीजेपी सांसद जुएल ओरांव रक्षा मामलों पर बनी संसदीय समिति के अध्यक्ष होंगे।
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा वित्त समिति, पूर्व मंत्री जुअल ओरम रक्षा और पीपी चौधरी विदेश मामलों की कमेटी की अध्यक्षता करेंगे। सरकार के इस कदम की कांग्रेस पार्टी ने आलोचना की है।
गौरतलब है कि स्टैंडिंग कमेटी का आवंटन लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा चेयरमैन सरकार के सुझाव पर करते हैं।