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BJP सांसद भी हुए BSNL से परेशान, कहा- फोन अपने घर के दूसरे कमरे में करता हूं, लग जाता है डिब्रूगढ़

By भाषा | Updated: July 18, 2019 17:29 IST

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ठळक मुद्देउत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य यादव ने कहा कि बीएसएनएल की सेवाओं का आलम यह है कि पिछले महीने उन्होंने अपने घर में ही एक अन्य नंबर पर कॉल किया तो कॉल डिब्रूगढ़ लग गयी। इस पर शामराव ने कहा कि बीएसएनएल की सेवाओं में सुधार के लिये मंत्रालय ने वित्तीय निवेश सहित अन्य कदम उठाये हैं।

सत्तापक्ष के एक सदस्य ने राज्यसभा में बृहस्पतिवार को प्रश्नकाल के दौरान सरकारी क्षेत्र की संचार सेवा कंपनी बीएसएनएल की सेवा का जिक्र करते हुये कहा कि अपने ही घर के दूसरे कमरे में कॉल करने पर कॉल डिब्रूगढ़ में लगती है।

भाजपा के राज्यसभा सदस्य हरनाथ सिंह यादव ने बीएसएनएल की सेवाओं को खुद के लिये उत्पीड़न की वजह बताते हुये कहा कि एक तो इसकी कॉल लगती नहीं, अगर लग भी जाये तो कहीं और लग जाती है, इंटरनेट भी काम नहीं करता और ना ही वाईफाई काम करता है।

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य यादव ने कहा कि बीएसएनएल की सेवाओं का आलम यह है कि पिछले महीने उन्होंने अपने घर में ही एक अन्य नंबर पर कॉल किया तो कॉल डिब्रूगढ़ लग गयी। इस पर संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद, संचार राज्य मंत्री धोतरे संजय शामराव, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी सहित सत्तापक्ष के अन्य सदस्य हंसी नहीं रोक पाये। इससे पहले भाजपा के सदस्य अनिल बलूनी ने उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों में बीएसएनएल की लचर सेवाओं का जिक्र करते हुये सरकार से पूछा कि स्थिति को ठीक करने के लिए क्या किया जा रहा है।

इस पर शामराव ने कहा कि बीएसएनएल की सेवाओं में सुधार के लिये मंत्रालय ने वित्तीय निवेश सहित अन्य कदम उठाये हैं। उन्होंने इस बारे में सदन की चिंताओं से सहमति व्यक्त करते हुये कहा कि सरकार को बीएसएनएल की समस्यायें विरासत में मिली हैं।

सरकार इस स्थिति से निपटने के लिये गंभीर प्रयास कर रही है। बीएसएनएल के पास अन्य कंपनियों की तुलना में सबसे मजबूत आधारभूत ढांचा होने के बावजूद इसकी सेवायें लचर सेवायें होने से जुड़े द्रमुक के तिरुचि शिवा के पूरक प्रश्न के जवाब में प्रसाद ने कहा, ‘‘हम सभी चाहते हैं कि बीएसएनएल का प्रदर्शन बेहतर हो और सरकार इसके लिये हरसंभव प्रयास कर रही है।’’

प्रसाद ने बीएसएनएल में कर्मचारियों की संख्या निजी कंपनियों की तुलना में सर्वाधिक होने और इसका वेतन व्यय कुल आय का 75 प्रतिशत होने को कंपनी के वित्तीय संकट का प्रमुख कारण बताया। हालांकि उन्होंने संचार क्षेत्र में स्थायित्व का हवाला देते हुये कहा कि इसे बरकरार रखने के लिये बाजार में कम से कम एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी का होना अनिवार्य है। 

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