मुंबई, 18 नवंबर भाजपा के विधायक राम कदम और उनके सहयोगियों को मुंबई में बुधवार को उस समय हिरासत में ले लिया गया, जब वे इस साल अप्रैल में पालघर में तीन लोगों की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर पालघर तक रैली निकालने की योजना बना रहे थे।
महाराष्ट्र आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) इस मामले की जांच कर रहा है।
हालांकि बाद में कदम को रिहा कर दिया गया जिसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें महाराष्ट्र सरकार के दबाव में हिरासत में लिया, जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस ने भाजपा पर पालघर भीड़ हिंसा की घटना को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया ।
कदम के सहयोगी हाथ में बैनर लिए पालघर जाकर उस स्थान पर दीये जलाने की योजना बना रहे थे, जहां अप्रैल में भीड़ ने दो साधुओं और उनके चालक की पीट-पीट कर जान ले ली थी। कदम और उनके सहयोगियों की मांग है कि इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी जाए।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कदम और उनके सहयोगियों के ‘जनाक्रोश यात्रा’ शुरू करने से पहले ही पुलिस, विधायक के खार स्थित आवास पहुंची और उन्हें हिरासत में ले लिया।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने विधायक कदम और उनके सहयोगियों को हिरासत में ले लिया है और उन्हें खार पुलिस थाना लाया गया है।’’
पालघर के पुलिस अधीक्षक दत्तात्रेय शिंदे ने कहा कि जिले में कासा पुलिस ने पहले कदम को निषेधाज्ञा नोटिस दिया था, इसके बावजूद उन्होंने और उनके सहयोगियों ने यात्रा की योजना आगे बढ़ाने की कोशिश की, इसलिए उन्हें मुंबई में हिरासत में लिया गया।
उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा कर सकती थी और इससे अशांति पैदा हो सकती थी, इसलिए नोटिस जारी किया गया था।
उल्लेखनीय है कि कार के जरिए मुंबई से सूरत जा रहे दो साधुओं और उनके चालक को 16 अप्रैल को पालघर के गढ़चिरौली गांव में लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला था। भीड़ को शक था कि ये तीनों बच्चा चुराने आए थे।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक 180 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 11 नाबालिगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
पुलिस द्वारा रिहा किए जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कदम ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें महाराष्ट्र सरकार के दबाव में हिरासत में लिया। उन्होंने अपनी यात्रा को जबरन रोकने के लिए सत्तारूढ़ महा विकास अघाडी (एमवीए) की निंदा की ।
भाजपा के एक अन्य नेता नारायण राणे ने कदम का समर्थन करते हुए कहा कि पालघर हत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने पुलिस से प्रार्थना की कि हमें यात्रा के साथ आगे बढ़ने की अनुमति दी जाए। हम वहां दीये जलाना चाहते थे। क्या दिये जलाना एक अपराध है?’’
उन्होंने कहा,‘‘हम पुलिस का सम्मान करते हैं। पुलिस महाराष्ट्र सरकार के दबाव में हमारी जन आक्रोश यात्रा को रोक रही है। हम इसको बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
कदम का समर्थन करते हुए राणे ने कहा कि शिवसेना अब 'हिंदुत्ववादी' पार्टी नहीं है।
इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने ट्वीट कर भाजपा पर पालघर भीड़ हत्या मामले को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि भगवा पार्टी से जुड़े कुछ आरोपियों को बचाने के लिए इस घटना की सीबीआई जांच की मांग की जा रही है।
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