मुजफ्फरनगर, 22 अक्टूबर उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में साल 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगों के मामले में अपनी कथित भूमिका के लिए मुकदमे का सामना करने वाले भाजपा विधायक को शुक्रवार को एक विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
विशेष न्यायाधीश गोपाल उपाध्याय ने जनप्रतिधियों से संबंधित मामलों की सुनवाई करने वाली एक अदालत का नेतृत्व करते हुए खतौली से विधायक विक्रम सैनी और 11 अन्य को बरी कर दिया। अदालत ने फैसला सुनाया कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ दंगा और आगजनी के आरोपों को साबित करने में विफल रहा है।
मुजफ्फरनगर जिले के जानसठ थाना क्षेत्र के कवल गांव में दंगा, आगजनी और एक लोक सेवक को धमकी देने के आपराधिक मामले में विधायक और 11 अन्य के खिलाफ मुकदमा चल रहा था।
कवल गांव के रहने वाले चौकीदार इश्तियाक ने 27 अगस्त को जानसठ थाने में दर्ज प्राथमिकी में कवल गांव के तत्कालीन प्रधान सैनी और उनके साथियों के खिलाफ गांव के निवासी सरफराज की कार में आग लगाने और चौकीदार तथा अन्य को धमकी देकर शांति भंग करने का आरोप लगाया गया था।
प्राथमिकी के अनुसार सांप्रदायिक झड़प में मारे गए गांव के तीन युवकों गौरव, सचिन और शाहनवाज के अंतिम संस्कार से लौटने के बाद उन्होंने कथित तौर पर कार में आग लगा दी थी।
कवल गांव के तीन युवकों की हत्या के बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों में 60 लोग मारे गए थे जबकि 40 हजार से अधिक लोग जिला छोड़कर चले गए थे।
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