भाजपा सरकार का वही हश्र होगा जो 1977 के चुनावों में इंदिरा सरकार का हुआ था : असलम शेर खान

By भाषा | Updated: February 3, 2021 15:45 IST2021-02-03T15:45:47+5:302021-02-03T15:45:47+5:30

BJP government will have the same fate as Indira government in 1977 elections: Aslam Sher Khan | भाजपा सरकार का वही हश्र होगा जो 1977 के चुनावों में इंदिरा सरकार का हुआ था : असलम शेर खान

भाजपा सरकार का वही हश्र होगा जो 1977 के चुनावों में इंदिरा सरकार का हुआ था : असलम शेर खान

इंदौर (मध्यप्रदेश), तीन फरवरी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर सीमेंट के अवरोधक, कंटीले तार और सड़कों पर लोहे की कीलें लगाए जाने के साथ बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने बुधवार को केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की।

खान ने यहां संवाददाताओं से कहा, "नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार जिस हठधर्मी से किसानों के साथ व्यवहार कर रही है, उसे देखकर लगता है कि उसकी मति मारी गई है। दिल्ली पूरे भारत के लोगों की है और किसान देश की राजधानी में क्यों नहीं आ सकते?"

उन्होंने देश में 1975 के दौरान लगाए गए आपातकाल के बाद 1977 के आम चुनावों में इंदिरा गांधी नीत कांग्रेस की करारी हार का हवाला देते हुए कहा, "मुझे लग रहा है कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार बिल्कुल इंदिरा गांधी की तत्कालीन सरकार की राह पर आगे बढ़ रही है। मौजूदा सरकार का भी वही हश्र होगा जो 1977 के आम चुनावों में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार का हुआ था।"

हॉकी के ओलम्पियन ने कहा, "इंदिरा बेहद शक्तिशाली नेता थीं। उनकी अगुवाई में कांग्रेस ने 1971 का आम चुनाव भारी बहुमत से जीता था। उनकी सरकार के कार्यकाल में लगाए गए आपातकाल के दौरान आम लोगों पर अत्याचार, गिरफ्तारी, लाठीचार्ज और जबरन नसबंदी का जवाब मतदाताओं ने 1977 के आम चुनावों में दिया था।"

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों से जल्द से जल्द चर्चा कर तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए।

खान ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल भी उठाए। उन्होंने कहा, "अपने मूल सिद्धांतों और विचारधारा पर चलने वाली कांग्रेस कहीं पीछे छूट गई है। राहुल गांधी किसी भी मुद्दे पर पार्टी लाइन पर बात नहीं करते। वह हर मुद्दे पर अपने निजी नजरिये से बात करते हैं।"

उन्होंने मध्यप्रदेश में पिछले साल कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के पतन का हवाला देते हुए यह भी कहा कि राज्य में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात ज्योतिरादित्य सिंधिया का पाला बदल कर भाजपा में जाना रही।

कमलनाथ, प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष हैं। खान के बयानों को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर उनके मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा, "फिलहाल खान कांग्रेस में किसी भी जिम्मेदार पद पर नहीं हैं। उनके बयानों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।

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