मुंबई, 13 दिसंबर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महा विकास आघाड़ी सरकार के प्रदर्शन को लेकर सवाल उठाने पर भाजपा पर रविवार को पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी उनकी सरकार को ''गिराने'' के प्रयास में इतना व्यस्त है कि उसे उनकी सरकार के विभिन्न कल्याणकारी कदमों पर गौर करने में विफल रही है।
ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष देवेन्द्र फडणवीस पर उनके इस बयान को लेकर निशाना साधा कि राज्य में ''अघोषित आपातकाल'' जैसे हालात हैं।
ठाकरे ने पूछा, ''अगर महाराष्ट्र में अघोषित आपातकाल है तो दिल्ली और उसके आसपास जिस तरीके से प्रदर्शनकारी किसानों को निशाना बनाया जा रहा है, उसके हिसाब से क्या देश के शेष हिस्से में घोषित आपातकाल लगा है?''
उन्होंने पूछा कि क्या कड़ाके की ठंड में किसानों पर पानी की बौछारें किया जाना सद्भावना का संदेश है।
शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने किसी का नाम लिये बिना, किसानों के प्रदर्शनों को ''बदनाम'' किये जाने के प्रयासों की आलोचना की।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ''भाजपा को फैसला करना चाहिये कि क्या प्रदर्शनकारियों को पाकिस्तान, चीन और माओवादियों का समर्थन मिल रहा है। आप पाकिस्तान से चीनी और प्याज खरीदते हैं। अब किसान भी पाकिस्तान से आने लगे।''
केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि यह आंदोलन अब किसानों का आंदोलन नहीं रह गया है क्योंकि ''वामपंथी और माओवादी तत्व इनमें शामिल हो गए हैं'' और ''राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों'' के लिये जेलों में बंद लोगों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
इससे पहले महाराष्ट्र से संबंध रखने वाले भाजपा नेता तथा केन्द्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे के हालिया बयान से भी विवाद खड़ा हो गया था कि किसानों के आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है।
ठाकरे ने कहा, ‘‘अगर फडणवीस कहते हैं कि राज्य सरकार का अपने आलोचकों के खिलाफ कार्रवाई करना अघोषित आपातकाल का कारण बन रहा है तो अपने अधिकारों के लिये संघर्ष कर रहे किसानों को राष्ट्रविरोधी कहना आपातकाल से भी बुरा है।’’
ठाकरे ने कहा कि अन्नदाताओं (किसानों) को आतंकवादी कहने वाले इंसान कहलाने के लायक नहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ''भाजपा राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिशों में व्यस्त है और उसे सरकार द्वारा बीते एक साल में किये गए गए काम दिखाई नहीं दे रहे । लोगों का एमवीए (महा विकास आघाड़ी) सरकार से कोई मोहभंग नहीं हुआ है।
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