भाजपा और तृणमूल एक ही थैली के चट्टे-बट्टे, वाम दलों से गठबंधन पर जल्द होगा फैसला: जितिन प्रसाद

By भाषा | Updated: December 20, 2020 12:17 IST2020-12-20T12:17:16+5:302020-12-20T12:17:16+5:30

BJP and Trinamool will soon decide on alliance with the Left parties, the same bag: Jitin Prasad | भाजपा और तृणमूल एक ही थैली के चट्टे-बट्टे, वाम दलों से गठबंधन पर जल्द होगा फैसला: जितिन प्रसाद

भाजपा और तृणमूल एक ही थैली के चट्टे-बट्टे, वाम दलों से गठबंधन पर जल्द होगा फैसला: जितिन प्रसाद

नयी दिल्ली, 20 दिसंबर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले तृणमूल कांग्रेस के कई नेता पार्टी छोड़ रहे हैं तो भाजपा ने अभी से पूरी ताकत झोंक दी है। दूसरी तरफ, कांग्रेस की तैयारियां फिलहाल अपेक्षाकृत सुस्त नजर आ रही हैं और वाम दलों के साथ उसके गठबंधन को लेकर तस्वीर भी अब तक साफ नहीं है। इन्हीं बिंदुओं पर कांग्रेस के पश्चिम बंगाल प्रभारी जितिन प्रसाद से ‘पीटीआई-भाषा’ के पांच सवाल और उनके जवाब प्रस्तुत हैं:

सवाल: पश्चिम बंगाल में गठबंधन को लेकर कांग्रेस पसोपेश में क्यों नजर आ रही है?

जवाब: कोई पसोपेश नहीं है। जमीन पर वामपंथी दलों के साथ हमारे संयुक्त कार्यक्रम चल रहे हैं। केंद्र एवं प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन चल रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अधिकतर लोगों का विचार है कि हम वाम दलों के साथ गठबंधन करें। प्रदेश इकाई के नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष को फैसले के लिए अधिकृत कर दिया है। बहुत जल्दी फैसला हो जाएगा।

सवाल: क्या भाजपा के खिलाफ कांग्रेस और वामदलों के तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की कोई संभावना है?

जवाब: ऐसी चर्चा जो कर रहे हैं वो ही लोग बताएंगे। वाम दलों के साथ हमारा जमीन पर संयुक्त कार्यक्रम चल रहा है और प्रदेश सरकार का विरोध किया जा रहा है। फिर ऐसी बात कहां से आ गई?

कांग्रेस पार्टी तो चुनाव की तैयारियों में जुटी है। पार्टी के सभी संगठन और प्रदेश इकाई पूरी ताकत से लगी हुई है। आने वाले समय में पूरे दमखम के साथ चुनाव प्रचार होगा। परिणाम आश्यचर्यजनक होंगे और हमारा प्रदर्शन बहुत अच्छा होगा।

सवाल: तृणमूल कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के पार्टी छोड़ने और भाजपा में शामिल होने से क्या संकेत मिलता है?

जवाब: भाजपा और तृणमूल कांग्रेस एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। इन्होंने दूसरी पार्टियों को तोड़ने में महारत हासिल कर रखी है। ये सत्ता और धन का दुरुपयोग करके ऐसा करते हैं। तृणमूल ने पहले कांग्रेस के लोगों को तोड़ा और आज भाजपा उन्हें तोड़ रही है। इसमें जनता और बंगाल का कोई भला नहीं होना है।

सवाल: प्रदेश में भाजपा ने कम समय में मुख्य विपक्ष का स्थान ले लिया और उसका पूरा नेतृत्व चुनाव की तैयारियों में लगा है। ऐसे में, तीसरे विकल्प के तौर पर कांग्रेस और वाम दलों के लिए क्या गुंजाइश है?

जवाब: पश्चिम बंगाल के लोगों ने भाजपा को लोकसभा चुनाव में बड़ा समर्थन दिया था और अब राज्य के लोग जानना चाहते हैं कि केंद्र सरकार से प्रदेश को क्या मिला? मैंने वहां देखा कि भाजपा की मंशा बंगाल के संस्कार एवं संस्कृति तोड़ने और गुजरात मॉडल लागू करने की है। रवींद्र नाथ टैगोर का अपमान किया जा रहा है। इससे जनमानस में ठेस पहुंचती है।

बंगाल ने अब तक धर्म और जाति पर वोट नहीं दिया है। बंगाल की पहचान को बदलने का जो प्रयास हो रहा है उसमें वो सफल नहीं होंगे।

सवाल: बिहार चुनाव के परिणाम को देखते हुए आप बंगाल में एआईएमआईएम को कांग्रेस के लिए कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं ?

जवाब: जनता ने इन्हें (ओवैसी) पहचान लिया है कि ये कुछ पार्टियों के इशारे पर काम करते हैं और किसी एक पार्टी को फायदा पहुंचाना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल में वह पूरी तरह बेनकाब हो जाएंगे। वैसे भी काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।

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Web Title: BJP and Trinamool will soon decide on alliance with the Left parties, the same bag: Jitin Prasad

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