बिपिन रावत: उत्कृष्ट, स्पष्टवादी, निडर सैन्य कमांडर, जिन्हें भू-राजनीतिक उथल-पुथल की गहरी समझ थी

By भाषा | Updated: December 8, 2021 22:04 IST2021-12-08T22:04:06+5:302021-12-08T22:04:06+5:30

Bipin Rawat: Outstanding, forthright, fearless military commander with a keen understanding of geopolitical upheavals | बिपिन रावत: उत्कृष्ट, स्पष्टवादी, निडर सैन्य कमांडर, जिन्हें भू-राजनीतिक उथल-पुथल की गहरी समझ थी

बिपिन रावत: उत्कृष्ट, स्पष्टवादी, निडर सैन्य कमांडर, जिन्हें भू-राजनीतिक उथल-पुथल की गहरी समझ थी

(मानस प्रतिम भूइयां)

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर उत्कृष्ट सेवा के लिए पहचाने जाने वाले सैन्य कमांडर जनरल बिपिन रावत भू-राजनीतिक उथल-पुथल की अद्भुत समझ के धनी थे। उन्होंने भारत के सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए त्रि-सेवा सैन्य सिद्धांत की रूपरेखा तैयार की। पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद की कमर तोड़ने का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है।

भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) के रूप में जनरल रावत को तीनों सेवाओं के बीच समन्वय विस्तार और संयुक्तता लाने का काम सौंपा गया था। वह पिछले दो वर्षों से एक सटिक दृष्टिकोण और विशिष्ट समयसीमा के साथ इसे आगे बढ़ा रहे थे।

स्पष्टवादी और निडर होने के लिए पहचाने जाने वाले जनरल रावत, सेना प्रमुख और सीडीएस के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपनी उपलब्धियों के साथ साथ कुछ विवादास्पद टिप्पणियों के लिए भी चर्चा में रहे। जब वह 2016 और 2019 के बीच सेना प्रमुख थे, तब उन्होंने जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने के लिए ''त्वरित कार्रवाई'' की नीति का पुरजोर समर्थन किया था।

वर्ष 2017 में डोकलाम गतिरोध से बहुत पहले ही जनरल रावत ने इस बात पर प्रकाश डाला था कि चीन से भारत के समक्ष प्राथमिक और दीर्घकालिक सुरक्षा चुनौती सामने आएगी और भारत को इसका सामना करने के लिए अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता है।

जनरल रावत ने नगा उग्रवादियों के एक बड़े हमले के जवाब में म्यांमार में 2015 के सीमा पार अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देने में भी प्रमुख भूमिका निभाई थी। वह उस योजना का भी हिस्सा थे, जब भारत ने पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जिसमें विरोधी पक्ष को काफी नुकसान हुआ था।

भारतीय लड़ाकू विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट के अंदर घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाये जाने के अभियान में तत्कालीन थल सेना अध्यक्ष जनरल रावत ने अहम भूमिका निभायी थी और उन्होंने अभियान के लिए महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रदान की थीं।

सीडीएस के रूप में नियुक्त होने वाले पहले सेनाध्यक्ष जनरल रावत का चार दशकों में एक शानदार करियर रहा, जिसके दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर सहित कई संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्रों में गौरव के साथ काम किया।

वर्ष 2017 में जनरल रावत को उग्रवाद विरोधी अभियानों में प्रयासों के लिए मेजर लीतुल गोगोई को सेनाध्यक्ष के प्रशस्ति कार्ड से सम्मानित करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था। गोगोई ने 2017 के श्रीनगर उपचुनाव के दौरान पथराव करने वालों के खिलाफ ढाल के रूप में एक व्यक्ति को अपनी सैन्य जीप से बांध दिया था। वर्ष 2019 के दौरान संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ उनकी टिप्पणियों की आलोचना हुई थी।

जनरल रावत का जन्म 16 मार्च, 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी में हुआ था। उनका परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवारत रहा। उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत पौड़ी गढ़वाल जिले के सैंज गांव से थे और लेफ्टिनेंट जनरल के पद तक पहुंचे थे। रावत ने देहरादून के कैम्ब्रियन हॉल स्कूल और सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला में पढ़ाई की थी।

जनरल रावत को 16 दिसंबर 1978 को '11 गोरखा राइफल्स' की पांचवीं बटालियन में शामिल किया गया था। कर्नल के रूप में उन्होंने किबिथू में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ पूर्वी सेक्टर में पांचवीं बटालियन की कमान संभाली। बाद में ब्रिगेडियर के पद पर पदोन्नत होकर उन्होंने सोपोर में 'राष्ट्रीय राइफल्स' के 5 सेक्टर की कमान संभाली। इसके बाद उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत कांगो में एक बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की भी कमान संभाली।

मेजर जनरल के पद पर पदोन्नति के बाद, रावत ने उरी में 19वीं इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में पदभार संभाला। लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उन्होंने पुणे में दक्षिणी कमान को संभाला। दिसंबर 2016 में, उन्होंने दो वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल- प्रवीण बख्शी और पी एम हरीज- को पीछे छोड़ते हुए 27 वें थल सेनाध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला। जनरल रावत की दो बेटियां हैं।

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Web Title: Bipin Rawat: Outstanding, forthright, fearless military commander with a keen understanding of geopolitical upheavals

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