बिहार में नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जारी है कयासों का दौर, क्यों भाजपा नहीं हुई शामिल?

By एस पी सिन्हा | Updated: June 2, 2019 20:49 IST2019-06-02T20:25:12+5:302019-06-02T20:49:21+5:30

नीतीश कुमार के मुताबिक ये सब पहले से तय था. लेकिन कहा जा रहा है कि मोदी कैबिनेट में जदयू को जगह नहीं मिली, इसलिए नीतीश कुमार की कैबिनेट में भाजपा वालों को जगह नहीं दी गई.

Bihar's Nitish government's Cabinet is expanding after the expansion, why did the BJP not join the era of speculation? | बिहार में नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जारी है कयासों का दौर, क्यों भाजपा नहीं हुई शामिल?

भाजपा नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एनडीए में 200 फीसदी सब कुछ सही है.

Highlights भाजपा नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एनडीए में 200 फीसदी सब कुछ सही है. 29 जुलाई 2017 को जदयू, भाजपा और लोजपा की जब सरकार बनी तो मुख्यमंत्री समेत 29 सदस्यों ने शपथ ली थी. 

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को अपने कैबिनेट का विस्तार किया. लेकिन इस विस्तार में भाजपा से एक भी विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया. ऐसे में कयासों के दौर शुरू हो गये हैं. सवाल यह उठने लगा है कि आखिर क्यों भाजपा को शामिल नही किया गया? 

हालांकि नीतीश कुमार के मुताबिक ये सब पहले से तय था. लेकिन कहा जा रहा है कि मोदी कैबिनेट में जदयू को जगह नहीं मिली, इसलिए नीतीश कुमार की कैबिनेट में भाजपा वालों को जगह नहीं दी गई.

ऐसे में अब राजनीतिक गलियारे में यह कयास लगाये जाने लगे हैं कि क्या बिहार में आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले फिर से दोनों दलों की दोस्ती में दरार आने वाली है? जानकारों का मानना है कि राजनीति ने बिहार में भाजपा और जदयू को मिला तो दिया है, लेकिन दोनों दलों के दिल नहीं मिल रहे हैं. 

इसका प्रमाण यह है कि केंद्रीय कैबिनेट का गठन हुआ तो जदयू के किसी सांसद को मंत्री बनने का मौका नहीं मिला. ऐसी स्थितियों के बीच बिहार सरकार के कैबिनेट विस्तार में जदयू के आठ विधायकों-विधानपार्षदों ने मंत्री पद की शपथ ली, लेकिन भाजपा के किसी भी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया. 

यहां बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार सरकार के मंत्री ललन सिंह और दिनेशचन्द्र यादव के सांसद बन जाने की वजह से दो मंत्रियों के पद भी खाली हो गए थे. वहीं, इस मंत्रिमंडल विस्तार से नीतीश कुमार बिहार के जातीय समीकरण को भी साधने की कोशिश रही है. लेकिन, जो सबसे बड़ा सवाल यह उठने लगा है कि इस कैबिनेट में भाजपा को जगह क्यों नहीं दी गई?

हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किसी भी तरह के मतभेद के सवाल को टालते हुए कहा कि 'कैबिनेट में जदयू कोटे की सीटें ही खाली थीं. इसलिए अपनी पार्टी के नेताओं को ही शामिल किया गया. भाजपा के साथ कोई संकट नहीं है. सब कुछ अच्छा चल रहा है. 

वहीं, भाजपा नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एनडीए में 200 फीसदी सब कुछ सही है. हालांकि जदयू के केंद्र सरकार में शामिल न होने को लेकर उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया. इससे पहले सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि मंत्रिमंडल विस्‍तार को ले कोई विवाद नहीं है. नीतीश कुमार ने भाजपा कोटे के मंत्रिमंडल के खाली पदों को भरने की पेशकश की थी. लेकिन, पार्टी नेतृत्‍व ने फिलहाल इसे टाल दिया है.

यहां उल्लेखनीय है कि आज जदयू कोटे के आठ मंत्रियों को शपथ दिलाई गई, क्योंकि जो ग्यारह रिक्तियां हैं, उनमें सर्वाधिक 9 रिक्ति जदयू कोटे की है. जबकि लोजपा और भाजपा कोटे से एक-एक पद की रिक्ति है.

 2017 में जब जदयू के साथ भाजपा और लोजपा सरकार में आई तभी मंत्रिमंडल में तीनों दलों का कोटा तय हो गया. विधानमंडल में सदस्यों की संख्या के लिहाज से जदयू को 20, भाजपा को 14 को लोजपा का एक मंत्रीपद तय हुआ. 

फिलहाल मुख्यमंत्री समेत राज्य मंत्रिपरिषद में 25 सदस्य हैं. यह संख्या 28 थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में जीत मिलने के बाद तीन मंत्रियों राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, दिनेश चन्द्र यादव और पशुपति कुमार पारस ने इस्तीफा दे दिया. 29 जुलाई 2017 को जदयू, भाजपा और लोजपा की जब सरकार बनी तो मुख्यमंत्री समेत 29 सदस्यों ने शपथ ली थी. 

मुख्यमंत्री समेत जदयू के 15, सुशील मोदी समेत भाजपा के 13, जबकि लोजपा के इकलौते मंत्री पशुपति कुमार पारस इनमें शामिल थे. इनमें से एक समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने मई 2018 में मुजफ्फरपुर कांड के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया और मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या 28 ही बच गई. 

नियमों के मुताबिक मंत्रिपरिषद में कुल सदस्य संख्या 243 का 15 फीसदी तक अर्थात सीएम समेत 36 सदस्य हो सकते हैं. जबकि फिलहाल मुख्यमंत्री समेत 25 ही मंत्री बचे थे. ऐसे में नियमों के मुताबिक मंत्रिपरिषद में 11 पदों की फिलहाल रिक्तियां थी, जिसमें से आठ पर जदयू ने अपने विधायकों को शामिल कर लिया है. अभी भी तीन रिक्तियां बची हुई हैं.

Web Title: Bihar's Nitish government's Cabinet is expanding after the expansion, why did the BJP not join the era of speculation?

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