पटनाः राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर महंगाई को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सरसों के तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर हमला बोला है.
सरसों तेल की बढ़ी कीमत को लेकर इसके पहले भी लालू यादव ने कहा था कि करुआ(सरसों) के तेल के बीना तरकारी(सब्जी) कैसे बनी! अब राजद प्रमुख ने एक ट्वीट किया है और कृषि कानूनों से इसे जोड़कर तंज कसा है. लालू ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'सरसों के तेल का क्या भाव है?
क्या आप इससे खुश है? रुकिए, तीन काले कृषि कानूनों का विपरीत प्रभाव अभी दो-चार वर्षों बाद और अधिक समझ में आएगा.' इतना ही नहीं इसके साथ लालू ने सरसों के तेल की बोतल की तस्वीर भी साथ में शेयर की है जिसमें तेल की कीमत साफतौर पर नजर आ रही है.
दरअसल, सोशल मीडिया पर सरसों तेल की दो बोतलों की तसवीरें एकसाथ वायरल हो रही है. एक ही कंपनी की दो अलग-अलग पैकिंग में 30 रुपये का अंतर दिख रहा है. जुलाई 2021 में तैयार की गई 1 लीटर वाली बोतल में सरसों तेल की कीमत 235 रुपये दिख रही है, जबकि ठीक दो महीने बाद जिस बोतल की पैकिंग की गई है, उसके स्टीकर में 265 रुपये दिख रहा है.
यानी दो महीने के अंदर ही सरसों तेल की कीमत में 30 रुपये का उछाल आ गया है. लालू यादव ने भी इस तस्वीर को साझा किया है. राजद प्रमुख ने कहा है कि देश में लगातार बढ़ती महंगाई से आम जनजीवन बुरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं, ईंधन और खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों ने रसोई घर का बजट बिगाड़ दिया है.
जहां सरसों का तेल खुदरा में प्रति लीटर 200 रुपए से ज्यादा को पार कर चुका है. वहीं, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी का असर आम इंसान की जेब पर पड़ रहा है. यहां बता दें कि इससे पहले भी लालू यादव सरसों तेल की बढ़ते दामों को लेकर सरकार पर हमले करते रहे हैं.
इसके पहले उन्होंने कहा था कि पेट्रोल-डीजल और खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रहीं हैं. घी से महंगा डीजल है तो करुआ तेल की खुदरा कीमत दो सौ रुपये से अधिक हो गई है. ऐसे में लोग तरकारी कैसे बनाएंगे?