Bihar Religious Trust Board: अपंजीकृत मंदिरों, मठों और ट्रस्ट का पंजीकरण अनिवार्य, नीतीश सरकार ने डीएम को दिया आदेश, अचल संपत्तियों का विवरण अपडेट करिए...

By एस पी सिन्हा | Updated: August 8, 2024 14:16 IST2024-08-08T14:14:46+5:302024-08-08T14:16:33+5:30

Bihar Religious Trust Board: बिहार के कानून मंत्री नितिन नवीन ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी अपंजीकृत मंदिरों, मठों और ट्रस्ट का प्राथमिकता के आधार पर पंजीकरण किया जाए।’’

Bihar Religious Trust Board cm nitish kumar nitin naveen Registration unregistered temples, monasteries trusts mandatory government orders DM immovable properties | Bihar Religious Trust Board: अपंजीकृत मंदिरों, मठों और ट्रस्ट का पंजीकरण अनिवार्य, नीतीश सरकार ने डीएम को दिया आदेश, अचल संपत्तियों का विवरण अपडेट करिए...

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Highlightsबीएसबीआरटी बिहार सरकार के विधि विभाग के अंतर्गत आता है। केवल 18 जिलों ने ही बीएसबीआरटी को आंकड़ा उपलब्ध कराया है।सभी सार्वजनिक मंदिरों/मठों, ट्रस्ट और धर्मशालाओं को बीएसबीआरटी के तहत पंजीकृत होना चाहिए।

Bihar Religious Trust Board: बिहार सरकार ने राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि उनके जिलों में संचालित अपंजीकृत मंदिरों, मठों और ट्रस्ट का पंजीकरण कराया जाए और उनकी अचल संपत्तियों का विवरण राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को उपलब्ध कराया जाए। राज्य के सभी जिला प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि सभी ‘पंजीकृत मंदिरों/मठों’ से संबंधित अचल संपत्तियों का विवरण तुरंत बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (बीएसबीआरटी) को उपलब्ध कराया जाए ताकि इसे उसकी वेबसाइट पर अपलोड किया जा सके।

बीएसबीआरटी बिहार सरकार के विधि विभाग के अंतर्गत आता है। बिहार के कानून मंत्री नितिन नवीन ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी अपंजीकृत मंदिरों, मठों और ट्रस्ट का प्राथमिकता के आधार पर पंजीकरण किया जाए।’’

उन्होंने जिलाधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सभी पंजीकृत मंदिरों/मठों से संबंधित अचल संपत्तियों का ब्योरा तुरंत बीएसबीआरटी को उपलब्ध कराया जाए, ताकि इसे इसकी वेबसाइट पर अपलोड किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हाल ही में इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है। अभी तक केवल 18 जिलों ने ही बीएसबीआरटी को आंकड़ा उपलब्ध कराया है।

सभी जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में पंजीकृत मंदिरों और मठों की भूमि सहित अचल संपत्तियों की बिक्री/खरीद न हो।’’ बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के अनुसार, बिहार में सभी सार्वजनिक मंदिरों/मठों, ट्रस्ट और धर्मशालाओं को बीएसबीआरटी के तहत पंजीकृत होना चाहिए।

राज्य सरकार पंजीकृत मंदिरों/मठों/ट्रस्ट की संपत्तियों की बिक्री व खरीद के अवैध कामों में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। बीएसबीआरटी द्वारा संकलित (35 जिलों से प्राप्त) नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राज्य में करीब 2,512 अपंजीकृत मंदिर या मठ हैं और उनके पास 4321.64 एकड़ भूमि है।

बिहार सरकार के विधि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में पंजीकृत मंदिरों की कुल संख्या करीब 2,499 है और उनके पास 18,456 एकड़ से अधिक भूमि है। आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा अपंजीकृत मंदिर/मठ वैशाली (438), कैमूर (307), पश्चिमी चंपारण (273), भागलपुर (191), बेगूसराय (185), सारण (154), गया (152) आदि में हैं।

कैमूर में 307 अपंजीकृत मंदिरों/मठों के पास करीब 813 एकड़ जमीन है और खगड़िया जिले में 100 अपंजीकृत मंदिरों और मठों के पास 722 एकड़ जमीन है। बांका जिले में करीब 332 एकड़ जमीन 78 अपंजीकृत मंदिरों और मठों के पास है।

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