शराबबंदी के नाम पर बिना परमीशन घर में घुस रही पुलिस, सीएम नीतीश ने सराहा, राबड़ी देवी ने किया हमला
By एस पी सिन्हा | Updated: November 22, 2021 17:48 IST2021-11-22T17:47:09+5:302021-11-22T17:48:26+5:30
बिहार के पटना का मामला है. शराब की जांच के बहाने एक शादी समारोह में पटना पुलिस द्वारा दुल्हन के कमरे में घुसकर तलाशी लिए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है.

मीडिया ने सवाल पूछा कि पुलिस की ऐसी कार्रवाई से लोगों में भय है.
पटनाः बिहार में शराबबंदी के नाम पर अब पुलिस लोगों की निजता (प्राइवेसी) भंग करने से भी नहीं हिचक रही है. वैसे नियामानुसार किसी भी घर अथवा जगह की तलाशी पुलिस बगैर सर्च वारंट हासिल किये नहीं कर सकती है. लेकिन नीतीश सरकार ने अब निजता कानून को ही माखौल बना दिया है.
शराब के नाम पर पुलिस किसी के भी बेडरूम में बेधड़क घुस जा रही है. राज्य में शराबबंदी को लेकर पिछले कुछ दिनों से जो हो रहा है, उसकी हदें अब पार हो रही है. बिहार पुलिस अपनी हदें पार कर रही है. तलाशी के नाम पर वो सब हो रहा है जो एक सभ्य समाज में शर्मिंदगी का सबब बन सकती है.
शराब की जांच के बहाने एक शादी समारोह में पटना पुलिस द्वारा दुल्हन के कमरे में घुसकर तलाशी लिए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. जहां बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी इस पूरी घटना की निंदा करते हुए इस निजता का हनन करार दिया है. वहीं दूसरी तरफ राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पूरी कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं.
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलिस को शिकायत मिली थी कि शादी-ब्याह के कार्यक्रम में लोगों को दारू पिलाने का इंतजाम रहता है. अगर पुलिस को सूचना मिल रही है तो वह जा रही है. इसके लिए किसी को चिंता नहीं करनी चाहिये. ये तो बहुत अच्छा काम है. अगर कहीं के बारे में पता चला होगा तो पुलिस ने कार्रवाई की होगी. वैसे इसकी जानकारी हम लोगों को नहीं है.
नीतीश ने कहा कि पुलिस की हर छापेमारी की खबर उन्हें नहीं होती. कोई न्यूज आता है तो वे जानकारी लेते हैं. लेकिन पुलिस को शराब रोकने की जिम्मेवारी मिली है तो वह काम करेगी. शराब रोकने के लिए हर तरह का काम करने के लिए पुलिस को कहा गया है. मीडिया ने सवाल पूछा कि पुलिस की ऐसी कार्रवाई से लोगों में भय है.
नीतीश बोले कि इससे भय क्यों होगा? इससे तो लोगों में खुशी होगी. आप देखियेगा. अभी तो पूरा अभियान चलेगा. वहीं, राबड़ी देवी ने इसे निजता का हनन करार दिया है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के आड़ में महिलाओं के कमरे में बिना महिला पुलिस के तलाशी लेने पर राजद के नीतीश सरकार पर साधा निशाना नीतीश सरकार अनर्थ कर रही है, बिहार में शराब सप्लाय को नहीं रोक पा रही है.
दुल्हन के बंद कमरे में जाने की किसी को इजाजत नही होती है. उन्होंने कहा है कि पुलिस अधिकारी जिन कमरों में जाता है वहां ज्यादातर महिलाएं होती हैं. ऐसे में एक जगह पुलिस अधिकारी यह भी कहते सुना जाता है कि, 'हम भी जानते हैं कि लड़की पक्ष के पास शराब नहीं होगी, लेकिन क्या करें ऊपर से आर्डर है...'
यहां बता दें कि शराबबंदी के नाम पर पुलिस बेडरूम से लेकर बाथरूम तक सभी जगहों पर बड़ी बेशर्मी से घुस जा रही है. लोगों की निजता का हनन करते हुए तलाशी की जा रही है. महिलाओं के कमरे और सामानों को सर्च किया जा रहा है, लेकिन ताज्जुब की बात है ये है कि ये जो हो रहा है महिला पुलिस की गैर मौजूदगी में. लग्न की बहुतायत होने के कारण पटना में इन दिनों खूब शादियां हो रही हैं. इसको लेकर सभी विवाह भवन, होटल आदि बुक हैं. दूर-दूर से बराती पहुंच रहे हैं. शराबबंदी को लेकर सख्त सरकार के आदेश का असर अधिकारियों व कर्मियों पर साफ दिख रहा है.
बीते दिनों दूसरे राज्यों से आए कुछ बरातियों को शराब पीते पकड़ा गया. इनमें डाक्टर, इंजीनियर आदि भी शामिल हैं. इसी क्रम में रामकृष्ण नगर थाने की पुलिस ने रविवार शाम शादी समारोह में शराब के सेवन की खबर पर एक होटल में जांच की. पुलिस ने होटल के कमरे में ठहरे मेहमानों के कमरे की तलाशी ली. इस दौरान दूसरे पुलिस वाले तलाशी की वीडियो बना रहे थे.
पुलिस ने शादी समारोह के लिए बुक कराये गये तमाम कमरों को खंगाला. कमरों में महिला मेहमान भी थी. पुलिस ने गहन तलाशी ली मगर तलाशी के दौरान उसके साथ कोई महिला पुलिस नहीं थी. लडकी वालों का कहना है कि जिन कमरों में महिला मेहमान थी उस कमरे में भी पुरुष सिपाही ने जांच की.
पुलिस अधिकारी इस दौरान पूछते हैं कि आपलोग लड़की वाले हैं या लड़के वाले. उधर से जवाब मिलता है कि लड़की वाले. तब पुलिस अधिकारी कहते हैं, लड़के वाले ज्यादा बदमाशी करते हैं. इस दौरान वे उपर से मिले आदेश का हवाला भी देते हैं.
लोगों का कहना है कि शराबबंदी को लेकर सरकार सख्त है यह अच्छी बात है. तलाशी लेनी भी चाहिए. लेकिन जो प्रापर तरीका है, उसके अनुसार पुलिस काम करे. महिला पुलिस की कमी तो नहीं है. फिर भी औरतों वाले कमरे में पुरुष अधिकारी जांच-पड़ताल करें, यह उचित नहीं है.