बिहारः पटना में फिर शुरू हुआ पोस्टर वॉर, लालू और नीतीश की फोटो लगाकर पूछा- हिसाब दो, हिसाब लो!
By एस पी सिन्हा | Updated: January 2, 2020 15:01 IST2020-01-02T15:01:41+5:302020-01-02T15:01:41+5:30
बिहार की राजधानी पटना में एकबार फिर शुरू हुआ सियासी पोस्टरबाजी, नये पोस्टर में लिखा है- हिसाब दो-हिसाब दो, एक तरफ हैं लालू-राबड़ी तो दूसरी ओर हैं नीतीश कुमार।

बिहारः पटना में फिर शुरू हुआ पोस्टर वॉर, लालू और नीतीश की फोटो लगाकर पूछा- हिसाब दो, हिसाब लो!
बिहार की राजधानी पटना में सियासी पोस्टरबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पटना के इनकम टैक्स चौराहे पर फिर से एक बडा पोस्टर लगा हुआ है, जिसपर लिखा है हिसाब दो-हिसाब लो। इसमें एक तरफ लालू-राबड़ी तो दूसरी तरफ प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। इस पोस्टर पर सबकी निगाहें बरबस टिक जा रही हैं। हालांकि पोस्टर किसने लगाया या लगवाया है, इसका अभी तक पता नहीं चल सका है, क्योंकि इस पोस्टर में किसी पार्टी, संगठन या व्यक्ति का नाम नहीं लिखा है।
पटना के इनकम टैक्स पर लगे सियासी पोस्टर में हिसाब दो- हिसाब दो के साथ ही 15 साल बनाम 15 साल लिखा है। जिसमे साफ दिख रहा है कि राजद के 15 साल के शासन काल और जदयू के शासन काल की तुलना की गई है। पोस्टर में लालू-राबड़ी दिख रहे हैं और पीछे खून के धब्बे, आग और अपराध को दर्शाया गया है तो वहीं पोस्टर के दूसरी तरफ हाथ जोड़े मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खड़े हैं और पीछे बिहार में हुए विकास को दिखाया गया है। पोस्टर में एक हिस्से में राबड़ी देवी पति लालू यादव से बात करती हुई दिख रही हैं। इस हिस्से में कोलाजनुमा तस्वीरें भी हैं, जिनमें गड्ढे वाली टूटी सड़क, लाशें, लालटेन और चारा घोटाले को दिखाने वाले फोटो लगे हैं।
दूसरी तरफ मुस्कुराते हुए नीतीश कुमार की तस्वीर लगी है। इसमें मुख्यमंत्री को हाथ जोडे हुए दिखाया गया है। साथ ही पोस्टर के इस हिस्से में नई दुरुस्त सडकें, ओवरब्रिज, बिजली के टावर, प्रयोगशाला में काम करते छात्र-छात्राएं और हंसते हुए बच्चे दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में आनेवाले विधानसभा चुनाव से पहले इस पोस्टर ने सूबे की सियासी सरगर्मी को बढ़ा दिया है। ये साफ इंगित कर रहा है कि पोस्टर के माध्यम से सत्तापक्ष की तरफ से राजद के शासनकाल पर हमला बोला गया है।
यहां बता दें कि नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ सरकार बनाने के बाद से ही राजद नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर रहे हैं। तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास के दावों पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। हाल में ही बारिश के कारण पटना में जलजमाव की स्थिति भयावह हो गई थी।
तेजस्वी यादव ने इसको लेकर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला था। इसके अलावा प्रदेश में लगातार हो रहे अपराध को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा था। इससे पहले राजद ने जदयू को 15 साल बनाम 15 साल पर बहस की खुली चुनौती दी थी। वहीं, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह के बयान पर पलटवार कर कहा है कि 15 साल बनाम 15 साल पर बहस के लिए जदयू नेता जगह और समय तय करें। ऐसे में लगता है कि जदयू की तरफ से राजद को जवाब दिया गया है कि हिसाब दो-हिसाब लो।
इससे पहले जदयू ने 15 साल बनाम 15 साल के शासन को दिखाते हुए राजद की तुलना गिद्ध से की थी और खुद को कबूतर दिखाते हुए शांति का प्रतीक बताया था। इस पोस्टर में जदयू ने राजद के 15 साल के शासन को भाई का शासन बताया था, जबकि नीतीश कुमार के 15 साल के शासन को भरोसे का प्रतीक बताया था।
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी के 'लापता' होने के पोस्टर लग चुके हैं। लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव काफी दिनों तक सार्वजनिक तौर पर नहीं दिखे थे। इसके बाद मुजफ्फरपुर में तेजस्वी के गायब होने के पोस्टर लगे थे और उनका पता बताने वालों को 5100 रुपये ईनाम देने की भी बात कही गई थी।
यह पोस्टर 2 जून 2019 को लगाए गए थे। इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गायब होने के पोस्टर लग चुके हैं। 17 दिसंबर 2019 को पटना में नीतीश के लापता होने के पोस्टर लगे थे। इस पोस्टर के जारी होने के बाद राजद ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि इस मुद्दे पर बहस होनी चाहिए, जिससे कि जनता को सही स्थिति की जानकारी मिल सके। जगदानंद सिंह ने कहा कि राजद के 15 साल के शासनकाल में गरीबों का राज था। वहीं, जदयू के 15 साल के शासनकाल में अत्याचारियों का राज है। इस समय मूल मुद्दा देश बचाना है।
