मतदाता अधिकार यात्रा के बाद अधिकार यात्रा पर निकल रहे तेजस्वी यादव, 16 सितंबर से दिखाएंगे सियासी ताकत?, कांग्रेस के गेम प्लान में फंसे लालू यादव के पुत्र!
By एस पी सिन्हा | Updated: September 15, 2025 14:15 IST2025-09-15T14:13:50+5:302025-09-15T14:15:20+5:30
कांग्रेस की जमीन तैयार करना माना गया। ऐसे में राजद नेताओं का मानना है कि राजद अब खुद अपना जमीन तैयार करेगी।

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पटनाः राजद नेता तेजस्वी यादव 16 सितंबर से एक बार फिर से यात्रा की सियासत शुरू करने जा रहे हैं। इस यात्रा का नाम उन्होंने अधिकार यात्रा रखा है। इसके पहले अभी हाल ही में वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ मतदाता अधिकार यात्रा की प्रक्रिया पूरी कर आए हैं। लेकिन इस बार की उनकी यह यात्रा एकला है, अर्थात महागठबंधन के किसी भी सहयोगी को उन्होंने इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित नही किया है। ऐसे में उनके इस यात्रा को लेकर सियासत गर्मा गई है। जानकारों का मानना है कि मतदाता अधिकार यात्रा का श्रेय खुद राहुल गांधी लेकर चले गए।
इससे कांग्रेस की जमीन तैयार करना माना गया। ऐसे में राजद नेताओं का मानना है कि राजद अब खुद अपना जमीन तैयार करेगी। जानकारों का कहना है कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कांग्रेस के गेम प्लान में फंस गए हैं। ऐसे में उन्हें अब अपनी ताकत दिखानी होगी। दरअसल, तेजस्वी यादव महागठबंधन में खुद के हाशिये पर जाने का डर सताने लगा है।
शायद यही कारण है कि तेजस्वी यादव मंगलवार से ‘बिहार अधिकार यात्रा’ पर निकलने वाले हैं। हालांकि सियासी गलियारे में यह सवाल उठाया जा रहा है कि 15 दिन पहले राहुल गांधी और महागठबंधन के अन्य नेताओं के साथ मतदाता अधिकार यात्रा में शामिल होने वाले तेजस्वी यादव को अब अकेले यात्रा करने की नौबत क्यों आई?
सियासत के जानकारों का मानना है कि तेजस्वी यादव का यह कदम सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। वह यह यात्रा किसी और के लिए नहीं, बल्कि अपने ही गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस के खिलाफ निकाल रहे हैं। दरअसल, राहुल गांधी की यात्रा ने बिहार कांग्रेस को एक नई ऊर्जा दी है। ऐसे में पिछले कुछ सालों से हाशिए पर चल रही कांग्रेस अब सीटों के बंटवारे में ज्यादा सीटों की मांग कर रही है।
ऐसी स्थिति में कांग्रेस की इस मांग को काउंटर करने के लिए तेजस्वी यादव का यह कदम जरूरी हो गया है। जिससे वह यह साबित कर सकें कि मतदाता अधिकार यात्रा में जुटने वाली भीड कांग्रेस की नहीं बल्कि राजद की थी। राजद आज भी महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है और वह अकेले ही जनता को अपने पक्ष में कर सकते हैं। ऐसे में तेजस्वी यादव अपनी खुद की यात्रा से यह साबित करना चाहते हैं कि वह महागठबंधन के निर्विवाद नेता हैं और मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में जनता की पहली पसंद हैं।
तेजस्वी अपने पिता लालू यादव की तरह जनता से सीधे तौर पर जुड़ना चाहते हैं। बता दें कि लालू यादव भी हमेशा यात्राओं और रैलियों के जरिए लोगों से सीधे जुड़ते थे। ऐसे में तेजस्वी की यह यात्रा लालू की उस विरासत को आगे बढ़ाने का एक प्रयास भी है, जिसमें जनता के साथ सीधा संवाद होता है।