बिहार: सरकारी बंगले को लेकर गर्म हुई सियासत, नीतीश सरकार ने भाजपा नेताओं पर लगाया जुर्माना
By एस पी सिन्हा | Published: November 19, 2022 05:34 PM2022-11-19T17:34:17+5:302022-11-19T17:46:04+5:30
बिहार में नीतीश सरकार ने पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया है। वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को भी आवास खाली करने का नोटिस मिला है। इसको लेकर विपक्षी दल भाजपा सत्ताधारी महागठबंधन पर हमलावर है।
पटना: बिहार में सरकारी बंगला को लेकर सियासत गर्म हो गई है। सरकार की ओर से पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया है। वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को भी आवास खाली करने का नोटिस मिला है। आवास खाली नहीं कराए जाने पर इन लोगों को जुर्माना भी देने का फरमान जारी किया गया है। पद से हटने के बाद आवास खाली नहीं करने को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी को आवास खाली करने के साथ 2 लाख 36 हजार रुपये के जुर्माने का नोटिस दिया गया है।
इस तरह से भवन निर्माण विभाग से मिले नोटिस में तय समय तक बंगला खाली नहीं करने के बाद 30 गुना ज्यादा जुर्माने की राशि लगाई गई है। उनके अलावा पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा पर भी जुर्माना लगाया गया है। दरअसल, महागठबंधन सरकार बनने के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पद तो मिल गया, लेकिन इस पद के लिए तय सरकारी बंगला अब तक नहीं मिला है।
इसका कारण यह है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी पद से हटने के बाद भी पुराने आवास में बने हुए हैं। ये दोनों पद के साथ मिला बंगला नहीं छोड़ रहे हैं। अब सरकार ने सख्ती करने का निर्णय लिया है। इस बीच भवन निर्माण मंत्री डा. अशोक चौधरी ने कड़े लहजे में कहा कि ये मर्जी से आवास खाली नहीं करते हैं तो मजिस्ट्रेट तैनात कर खाली कराया जाएगा।
उन्होंने कहा जब पद पर नहीं हैं तो आवास खाली ही करना पड़ेगा। यह नियम बनाया गया था कि समय पर बंगला खाली नहीं करने पर 30 गुना जुर्माना लगाया जाएगा। जब यह नियम बनाया गया था उस समय कैबिनेट में भाजपा भी शामिल थी। अशोक चौधरी ने कहा कि महागठबंधन से हटकर जब हमलोग भाजपा के साथ आये तो राजद के नेताओं ने भी बंगले खाली किये थे।
बता दें कि उप मुख्यमंत्री बनने के तीन महीने बाद भी तेजस्वी यादव इस आवास में नहीं आ पाए हैं। वह विपक्ष के नेता की हैसियत से आवंटित पुराने आवास में रह रहे हैं। वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी का आवास तेजस्वी के बड़े भाई और पर्यावरण एवं वन मंत्री तेज प्रताप यादव को दिया गया है। वह भी नए आवास में नहीं आ पाए हैं। कैबिनेट की बैठक पिछले मंगलवार को हुई तो हॉल में बैठे मंत्रियों के बीच बंगला को लेकर तीखी भी झड़प हो गई। जिस पर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने बेचारगी के साथ कहा कि वे क्या करें। भाजपा कोटे के पुराने मंत्री घर छोड़ ही नहीं रहे हैं।
इस बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री रही रेणु देवी ने कहा कि हमारे पास जो नोटिस आया है, उसमें 30 गुना से अधिक जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने बताया कि कुल 2 लाख 36 हजार का जुर्माना लगाया गया है। जिसके जवाब में हमने लिखा है कि हमारे लिए जो तय जगह है, उसे मरम्मत करवा कर उपलब्ध करवा दिया जाए तो हम वहां चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि आखिरकार हम जुर्माना किस चीज का दें, जब हमारी कोई भी गलती नहीं है तो।
रेणु देवी ने बिहार सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि बिहार सरकार भाजपा नेताओं के साथ साजिश कर रही है। जदयू और महागठबंधन के कई ऐसे नेता हैं जो गैरकानूनी तरीके से बंगला पर कब्ज़ा जमाए हुए हैं, लेकिन यह सरकार उनको कोई नोटिस नहीं देती है। उन्होंने कहा कि मैं महिला और अतिपिछड़ा समाज से आती हूं, इसलिए ये लोग मुझे परेशान कर रहे हैं। लेकिन, इनको समझना चाहिए की मैं कमजोर नहीं हूं बल्कि ताकतवर हूं।