पटनाः बिहार में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात की। राज्यपाल से मिलकर इस्तीफा सौंप दिया। राजद के साथ नई सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इस बीच इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार राजद प्रमुख लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी के आवास पहुंचे।
नीतीश कुमार ने 160 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। बिहार के राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि सभी सांसद और विधायक आम सहमति पर हैं कि हमें एनडीए छोड़ देना चाहिए। बिहार में सियासी सरगर्मियां तेज होने के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आठ वर्ष में दूसरी बार अपने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ लिया है।
नीतीश कुमार वर्ष 2017 में राजद और कांग्रेस का साथ छोड़कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में लौट आए थे। भाजपा के साथ तीन बार सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार वर्ष 2014 में राजग को छोड़ राजद व कांग्रेस के नए महागठबंधन सरकार में शामिल हो गए थे।
बिहार में जदयू और भाजपा का गठबंधन टूट गया है। सीएम नीतीश कुमार विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन के साथ सरकार बनाएंगे। 2020 में एनडीए की सरकार बनी थी। करीब दो साल बाद जदयू और बीजेपी में अलगाव हो गया।
वरिष्ठ नेता उपेन्द्र कुश्वाहा ने एक ट्वीट करके कुमार को ‘‘नए तरीके के नए गठगंधन’’ की अगुवाई करने के लिए बधाई दी है। इस ट्वीट से गंठबंधन टूटने और राजद नीत ‘महागठबंधन’ को अपनाने संबंधी बातों को बल मिला है। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को सामने खड़ा करके जदयू को कमजोर करने की कोशिश की।
बिहार विधानसभा में भाजपा के पास 77, जदयू के पास 45, कांग्रेस के 19, सीपीआईएमएल (एल) के नेतृत्व वाले वाम दलों के पास 16 और राजद के पास 79 सीटे हैं। बिहार में 243 विधानसभा सीट हैं। बहुमत के लिए 122 विधायक की जरूरत है।
लोजपा नेता चिराग पासवान (रामविलास गुट) ने कहा कि आज नीतीश कुमार की साख शून्य है। हम चाहते हैं कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू हो और राज्य को नए सिरे से जनादेश देना चाहिए। आपकी (नीतीश कुमार) कोई विचारधारा है या नहीं? अगले चुनाव में जदयू को मिलेगी 0 सीटें है।
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि राजद के 15 साल के शासन ने राज्य को पीछे ले लिया, सीएम नीतीश कुमार ने भी कई बार ऐसा कहा। वह राजद के साथ गठबंधन में जाने को कैसे जायज ठहराएंगे, जिसे उन्होंने भ्रष्ट बताया है? यह सब सत्ता के लिए राजनीति है, इसमें कोई नैतिकता नहीं है और उन्हें शर्म आनी चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि विपक्षी दलों ने कुमार को समर्थन देने का वादा किया है और कुमार ने चौहान से मुलाकात का वक्त मांगा है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को शाम चार बजे मुलाकात का वक्त दिया है। विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन की बैठक पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने अपनी मां एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के दस सर्कुलर रोड स्थित आवास पर बुलाई जिसमें वाम दल और कांग्रेस ने हिस्सा लिया।
कहा जा रहा है कि यहां सभी विधायकों ने कुमार के समर्थन वाले एक पत्र पर हस्ताक्षर किए। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री के आवास पर जा कर किसी भी वक्त उन्हें समर्थन का पत्र सौंप सकते हैं। वहीं जनता दल (यूनाइटेड) के सांसदों और विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में उनके आधिकारिक आवास एक अणे मार्ग पर हुई।