पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए रविवार को बड़ी घोषणा की. नीतीश सरकार ने कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को 18 साल होने तक प्रत्येक महीने 1500 रुपये देने का निर्णय लिया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट कर कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए 'बाल सहायता योजना' चलानी की घोषणा की है.
इस योजना के तहत जिन बच्चों के माता-पिता की कोरोना वायरस संक्रमण के काण मृत्यु हो गई हो या माता-पिता दोनों में से किसी एक भी मौत कोरोना से हुई हो, उनको सरकार 18 वर्ष की उम्र तक 1500 रुपये प्रति माह देगी.
सरकार के पास नहीं हैं अभी आंकड़े
नीतीश कुमार ने इस संबंध में दो ट्वीट किए हैं. अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा है कि जिन अनाथ बच्चे-बच्चियों के अभिभावक नहीं हैं उनकी देखरेख बाल गृह में की जाएगी. ऐसे अनाथ बच्चियों का कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में प्राथमिकता पर नामांकन कराया जाएगा.
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण बिहार की स्थिति काफी भयावह हो चुकी है. कई ऐसे बच्चे भी हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता को कोरोना संक्रमित होने के कारण उन्हें खो दिया. बिहार में सैकड़ों की संख्या में ऐसे बच्चे हैं, जिनके माता पिता दोनों को कोरोना ने छिन लिया है.
हालांकि सरकार के पास अभी इसके अधिकारिक आंकड़े नहीं हैं कि ऐसे बच्चों की संख्या कितनी है. सरकार ने इन बच्चों की वास्तविक संख्या की रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि उसके आधार पर आगे की योजना बनाई जा सके.
हालांकि राज्य में समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत पहले से 'परवरिश योजना' चल रही है. इसमें गरीब, वंचित वर्ग, असाध्य रोग जैसे एचआइवी पॉजिटिव या कुष्ठ रोग से पीडित बच्चों या एड्स या कुष्ठ रोग से 40 प्रतिशत दिव्यांग माता-पिता के बच्चों को 900 से एक हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं. इस योजना के अलावा बाल सहायता योजना शुरू की गई है.