पटनाः उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार के द्वारा रविवार को जनसंख्या नियंत्रण विधेयक पास किये जने के बाद बिहार में भी अब जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर सियासत तेज हो गई है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दिए गए बयान के बाद कई सत्ता पक्ष के नेताओं ने ही उनके विचार पर सहमति नहीं जताई है तो कई विपक्ष ने उनका साथ भी दिया है. इसबीच बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर साफ कर दिया कि प्रदेश में पहले से ही यह कानून लागू है.
उन्होंने कहा कि बिहार के नगर निकायों के चुनावों के लिए सरकार ने पहले ही यह नियम बना रखा है कि दो से अधिक बच्चे वाले लोग उम्मीदवार नहीं बन सकेंगे. अब यह व्यवस्था पंचायतों में लागू करने पर विचार किया जा रहा है. दो से अधिक बच्चे वाले बिहार में ग्राम पंचायत का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.
इतना ही नहीं मंत्री ने यहां तक कह दिया कि दो से अधिक बच्चे वालों को बिहार सरकार के अन्य योजनाओं और सुविधाओं से भी वंचित रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि यह नियम बनाने के बाद भी इसे लागू करने में एक साल का समय लग जाएगा.
सम्राट चौधरी ने साफ किया कि अगर यह नियम बनता भी है तो आनेवाले पंचायत चुनाव पर इसका कोई असर नहीं पडे़गा. उन्होंने कहा कि 2026 के पंचायत चुनाव में ही इसे लागू किया जा सकता है. उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण का समर्थन करते हुए कहा कि नगर निकाय में दो से ज्यादा बच्चों वाले के चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए.
आज के समय में यह कानून बहुत जरूरी है. उनका कहना था कि बिहार में तो यह कानून पहले ही लागू कर दिया गया था. बिहार के बाद दूसरे राज्यों ने भी इसका अनुसरण किया. वहीं, अब पंचायतों में भी इसे लागू करने की जरूरत है क्योंकि उस समय लगा था कि पंचायतों में अभी शिक्षा दर बढ़ाने की जरूरत है.
मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि देश में अब इस तरह का कानून बनाने की बहुत आवश्यकता है. लोग पढ़ लिख रहे हैं. शिक्षित हो रहे हैं. आर्थिक स्थिति और प्रजनन दर भी पहले से सुधरा है. जो लोग शिक्षित होते हैं, उनका प्रजनन दर दो से अधिक नहीं होता है. बिहार में भी हर हालत में इस तरह की व्यवस्था करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में चूकी शिक्षा का आभाव है.
इसलिए इस नियम को ग्राम पंचायत के चुनाव में लागू नहीं किया गया. लेकिन अब ग्राम पंचायत में भी इसे लागू किया जायेगा. उन्होंने कहा कि आज वह समय आ गया है कि दो से अधिक बच्चों वालों को कोई सुविधा नहीं मिले. सिर्फ चुनाव नहीं, बल्कि हर विभाग ऐसे प्रावधान लागू किए जाए.
यहां उल्लेखनीय है कि सोमवार को 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर केवल कानून बनाकर नहीं बल्कि महिलाओं को पूरी तरह शिक्षित करके ही प्रजनन दर को कम किया जा सकता है.
कोई भी प्रदेश जो करना चाहे वो करे. लेकिन हमारी सोच है कि सिर्फ जनसंख्या नियंत्रण के लिए अगर आप केवल कानून बनाकर उसका उपाए करना चाहेंगे. यह संभव नहीं है. उन्होंने कहा था कि महिलाएं अगर शिक्षित होंगी तब जनसंख्या पर नियंत्रण की जा सकती है.
इस मामले में शिक्षा को बढ़ावा दिया जाना चाहिये. हालांकि इसे लेकर उप मुख्यमंत्री रेणु देवी का कहना था कि पुरुषों को भी जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जागरूक होना चाहिए क्योंकि पुरुषों के अंदर जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए नसबंदी को लेकर भी काफी डर के स्थिति है.