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Bihar MBBS Result: बिहार में एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के छात्र फेल, हंगामा जारी, ठप कर रहे हैं चिकित्सा व्यवस्था, मरीज परेशान

By एस पी सिन्हा | Updated: September 13, 2021 19:24 IST

Bihar MBBS Result: छात्रों ने पटना मेडिकल कॉलेज के साथ नालंदा मेडिकल कॉलेज की ओपीडी बंद करा दी थी.

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ठळक मुद्देपूरा साल ऑनलाइन पढ़ाकर लगभग एक पेपर में 22 प्रश्न पूछे गए.बदले पैटर्न के बीच विश्वविद्यालय ने मनमाने ढंग से परीक्षा ली.18 मार्च को खत्म हुई परीक्षा का रिजल्ट 30 अगस्त को आया.

Bihar MBBS Result: परीक्षा में फेल हुए एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के छात्रों का आज भी हंगामा जारी रहा. छात्रों ने बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों की ओपीडी बंद कराने की चेतावनी दी है.

अब दूसरी बार छात्र विभिन्न मेडिकल कॉलेज परिसरों में जबर्दस्त हंगामा किया. शनिवार को भी छात्रों ने पटना मेडिकल कॉलेज के साथ नालंदा मेडिकल कॉलेज की ओपीडी बंद करा दी थी. इससे मरीजों को परेशानी हुई थी. मेडिकल छात्र-छात्राओं ने फिर से कॉपी की जांच की मांग की है. मांग पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.

एमबीबीस प्रथम वर्ष के मेडिकल छात्रों (जूनियर डॉक्टरो) ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को एक ज्ञापन भी सौंपा है. छात्रों का आरोप है कि आर्यभट्‌ट ज्ञान विश्वविद्यालय की तरफ से मनमानी की गई है. हाल में ही बदले पैटर्न के बीच विश्वविद्यालय ने मनमाने ढंग से परीक्षा ली. पूरा साल ऑनलाइन पढ़ाकर लगभग एक पेपर में 22 प्रश्न पूछे गए.

18 मार्च को खत्म हुई परीक्षा का रिजल्ट 30 अगस्त को आया. इधर, दूसरे वर्ष की पढ़ाई शुरू हो चुकी है और रिजल्ट ने कई छात्रों को पीछे धकेल दिया है. पहली बार ऐसा हुआ जब 1147 में 447 (38 फीसदी) छात्रों को फेल कर दिया गया. बच्चे कॉपी री-चेक की मांग करने विश्वविद्यालय पहुंचे तो उन्होंने माना कि गलती हुई है.

उनका कहना है कि एग्जामिनर्स को नए पैटर्न के बारे में नहीं पता था. छात्रों ने आरोप लगाया है कि उनके पेपर चेकिंग में गलत तरीके से मार्किंग की गई है. उनका कहना है कि सही उत्तर को गलत कर दिया गया है. जिसके कारण कई बच्चे फेल हो गए हैं. छात्रों का आरोप है कि आंख बंद कर मार्किंग की गयी है. कई छात्रों की आधी कॉपी चेक नहीं की गई है, कितनों को 4 पेज लिखने पर 1 अंक मिला है.

कितनों को एमसीक्यू सही लिखने पर जीरो मिला है. छात्रों का कहना है कि आर्यभट्‌ट ज्ञान विश्वविद्यालय के खिलाफ कोई बोलने वाला नहीं है. ऐसे में आंदोलन ही एक रास्ता है. छात्रों का कहना है कि मेडिकल कॉलेजों की ओपीडी बंद कराकर वह अपनी मांग पूरा कराने की बात रखेंगे. इसके अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं है.

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