बिहार: 'लवगुरु' मटुकनाथ हुए रिटायर, फेसबुक पोस्ट लिख बताया शादी का प्लान
By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Updated: November 1, 2018 13:50 IST2018-11-01T13:50:23+5:302018-11-01T13:50:23+5:30
मटुकनाथ अपने पोस्ट में लिखते हैं-मेरी खुशनसीबी कि इस चढ़ती जवानी में रिटायर हो रहा हूं ! लोग पूछते हैं कि रिटायरमेंट के बाद क्या कीजिएगा? चढ़ती जवानी में जो किया जाता है, वही करूंगा!

बिहार: 'लवगुरु' मटुकनाथ हुए रिटायर, फेसबुक पोस्ट लिख बताया शादी का प्लान
नई दिल्ली, 1 नवंबर: अपने से 21 साल छोटी शिष्य जूली से प्यार करके चर्चा में आने वाले बिहार के प्रोफेसर मटुकनाथ अपने फेसबुक पोस्ट को लेकर सुर्खियों में है। 'लवगुरु' के नाम से मशहूर मटुकनाथ ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी रिटायरमेंट और शादी को लेकर खुलासा किया है। बुधवार को मटुकनाथ रिटायर हुए हैं। रिटायरमेंट के समय वो पटना कॉलेज के बीएन कॉलेज में हिंदी पोस्ट ग्रैजुएट विभाग अध्यक्ष पद पर कार्यरत थे।
अपने पोस्ट की शुरुआत उन्होंने एक पुराने हिंदी गाने से करते हुए लिखा हैं- 'चढ़ती जवानी मेरी चाल मस्तानी, मैं 65 वर्ष का लरिका हूं ! मेरी जवानी ने अभी अंगड़ाई ली है ! मेरे अंग-अंग से यौवन की उमंग छलक रही है ! जब मैं मस्त होकर तेज चलता हूं तो लोग नजर लगाते हैं ! दौड़ता हूं तो दांतों तले उंगली दबाते हैं ---
अब हम कैसे चलीं डगरिया
लोगवा नजर लगावेला !
मेरी खुशनसीबी कि इस चढ़ती जवानी में रिटायर हो रहा हूं ! लोग पूछते हैं कि रिटायरमेंट के बाद क्या कीजिएगा ?
चढ़ती जवानी में जो किया जाता है, वही करूंगा !
मतलब ?
मतलब यह कि मैं ब्याह करूंगा ! बरतुहार बहुत तंग कर रहे हैं ! उनकी आवाजाही बढ़ गई है ! लेकिन मैं एक अनुशासित, शर्मीला और परंपरा प्रेमी लरिका हूं ! इसलिए खुद बरतुहार से बात नहीं करता हूं ।उन्हें गार्जियन के पास भेज देता हूं ! मेरे विद्यार्थी ही मेरे गार्जियन हैं ! वे जो तय कर देंगे, आंख मूंदकर मानूँगा ! उनसे बड़ा हितैषी मेरा कोई नहीं हो सकता !
हंसी-मजाक छोड़िए । बताइये कि रिटायरमेंट के बाद क्या योजना है ? क्योंकि आप जो योजना बनाते हैं, उसे पूरा करके ही दम मारते हैं !
विदा हुआ वह मटुकनाथ जो योजना बनाता था और उसे पूरा करने में लहू सुखाता था ।अब हम केवल मस्ती करेगा ! सबसे पहले हम ब्याह करेगा ! इसलिए आपलोगों का दायित्व है कि एक सुटेबल कन्या से मेरा ब्याह कराइये, फिर मेरी चाल देखिए ! विवाह के पहले कुछ नहीं करने का ! कुछ नहीं सोचने का !
आज मेरा रिटायरमेंट डे है । वास्तव में यह मेरा स्वाधीनता दिवस है ! व्यर्थ के कार्यों से मुक्ति मिलने का आनंद मेरी रगों में दौड़ रहा है ! विश्वविद्यालय के क्लास बकवास हैं ! विद्यार्थियों की प्रतिभा कुंद करने के सिवा वहाँ कोई रचनात्मक काम संभव नहीं ! खुशी इस बात की है कि इस हिंसात्मक शिक्षा में जुटे रहने की बाध्यता से मुक्ति मिल रही है ! अब मैं जिस दिशा में कदम रखूंगा, वह वास्तविक शिक्षा होगी ! किंतु, मैं कोई योजना बनाकर उसे पूरा करने के तनाव में नहीं पड़ूंगा । मन की तरंग पर सवार होकर उड़ूंगा ! अस्तित्व जो करवाना चाहेगा, उसी की इच्छा में अपनी इच्छा को लय करूंगा !
आत्म-सुख मेरी प्राथमिकता होगी । मेरी समझ है कि केवल सुखी व्यक्ति दूसरों को सुख पहुंचाने में सहायक हो सकता है । समाज, देश और दुनिया को बदलने का नारा विशुद्ध धोखा है!'
बता दे कि कुछ दिन पहले ये खबर आई थी कि 65 वर्षीय हिंदी प्रोफेसर मटुकनाथ को उनकी शिष्या और प्रेमिका जूली ने छोड़ दिया है। जूली मटुकनाथ को छोड़कर कहां गई और क्यों गई इस बात का तो पता नहीं चल पाया। मटुकनाथ ने अपने पोस्ट में कहीं भी जूली का जिक्र नहीं किया है। गौरतलब है कि साल 2006 में मटुकनाथ-जूली अपने प्यार को लेकर खबरों में आए थे। मटुकनाथ अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़ कई सालों तक जूली के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहे थे।