बिहार में कोरोना महामारी के बीच बिहार में अब गहराने लगा है बाढ़ का खतरा, कई इलाकों में घुसा पानी
By एस पी सिन्हा | Updated: July 17, 2020 21:38 IST2020-07-17T21:21:53+5:302020-07-17T21:38:12+5:30
बिहार के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश और नेपाल से आ रही नदियों में उफान की वजह से हाहाकार मचा हुआ है.

सांकेतिक तस्वीर (File Photo)
पटना: बिहार में बाढ़ का खतरा गहराता दिख रहा है. यहां की नौ नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं. गंगा का पानी भी चढ़ने लगा है. कोसी विकराल लेती जा रही है.
अगले दो दिनों तक कई नदियों के जल ग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश की आशंका, जल संसाधन मंत्री संजय झा ने इंजीनियरों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है.
वाल्मीकि नगर बराज से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से सारण तटबंध पर दबाव बढ़ गया है. बाढ़ की आशंका को देखते हुए आपदा विभाग ने जवानों को विशेष ट्रेनिंग दी है.
बीमार को रेस्क्यू करते समय सुरक्षा का ध्यान रखने की जानकारी भी दी गई-
बीमार को रेस्क्यू करते समय सुरक्षा का ध्यान रखने की जानकारी भी दी गई है. वहीं, चिकित्सकों को जवानों के साथ भी को-ऑर्डिनेशन टीम बनाकर जोड़ा गया है. उन्हें यह बताया गया कि जब कोई बीमार व्यक्ति को रेस्क्यू किया जाये तो उन्हें सबसे पहले क्या करना है.
इसको लेकर माइक्रो प्लान तैयार की गई है. बाढ के दौरान खोज एवं बचाव काम में और ड्रोन का उपयोग किया जायेगा. कोसी, गंडक, बागमती, कमला बलान, अधवारा, खिरोई, महानंदा और घाघरा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
बूढ़ी गंडक और गंगा नदियों के जल स्तर में बढ़ोतरी जारी-
वहीं बूढ़ी गंडक और गंगा नदियों के जल स्तर में बढ़ोतरी जारी है. जल संसाधन विभाग ने सभी तटबंधों के सुरक्षित होने का दावा किया है. गंगा नदी भी उफान पर है. पिछले चार दिनों से लगातार गंगा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है.
जलस्तर में बढ़ाव के कारण बाढ़ का पानी लगातार गांव की ओर बढ़ता जा रहा है. जिससे ग्रामीण सहमे हुए हैं.गंगा का पानी खेतों में घुसना शुरू हो गया है. अब तक अगुवानी लगार आदी जगहों पर सैकडों एकड़ में लगा मक्का की फसल पानी में डूब गई है. कोसी और गंडक का डिस्चार्ज कम हुआ है.
फिर भी कोसी विकराल बनी हुई है. कई जगह यह लाल निशान से काफी ऊपर बह रही है. बराह क्षेत्र में कोसी का डिस्चार्ज दो लाख घनसेक से घटकर सवा लाख घनसेक रह गया है, जबकि बराज के पास ढाई लाख से घटकर दो लाख घनसेक रह गया है.
बिहार के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश और नेपाल से आ रही नदियों में उफान
सहरसा से भागलपुर तक कोसी चार स्थानों पर अब भी खतरनाक बनी हुई है. गंडक के डिस्चार्ज में भी गिरावट है. बिहार के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश और नेपाल से आ रही नदियों में उफान की वजह से हाहाकार मचा हुआ है.
नेपाल के तराई वाले इलाकों में भारी बारिश से उत्तर बिहार के निचले इलाकों में बाढ का पानी भर गया है. मधेपुरा में कोसी नदी का पानी आसपास के इलाकों में घुस गया है. ग्रामीण बाढ के बीच से किसी तरह खुद को बचाने में लगे हुए हैं.
कटिहार में कोसी नदी ने एनएच-31 पर अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. नदी के तेज बहाव की वजह से हाईवे के किनारे कटाव हो रहा है और लोग दहशत में हैं. लाखों लोग बाढ की तबाही झेल रहे हैं. मधुबनी में भी स्थिती भयावह हो गई है.