पटनाः बिहार के विभिन्न जिलों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण कई जिलों में बाढ से स्थिती भयावह होती जा रही है. राजधानी पटना में भी गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण शहर पर बाढ़ का खतरा भी मंडराने लगा है.
पटना के दोनों घाटों पर नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. उधर, नदियों में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासन की टीम भी अलर्ट मोड में है. गंगा के जल स्तर में बढ़ोतरी के कारण पटना के आसपास के लाखों लोग बाढ़ से भी प्रभावित हो चुके हैं. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निरीक्षण के बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने एनडीआरएफ की 14 एवं एसडीआरएफ की 14 टीमों की तैनाती कर दी है.
सूबे में भोजपुर, मुंगेर, बख्तियारपुर सहित अन्य इलाकों में तैनात टीमों को 24 घंटे सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है. अन्य जिलों में तैनात टीम को भी पटना बुलाया गया है, ताकि किसी भी आपदा के दौरान लोगों तक तुरंत राहत पहुंचाया जा सके. आपदा विभाग ने पटना आसपास लगाये गये टीमों को यह निर्देश दिया है कि उनकी तैनाती अब पटना के आसपास के जिलों में उस वक्त तक रहेगी, जबतक बाढ़ से प्रभावित लोग पूरी तरह से मुक्ति ना मिल जाये. उसके बाद ही टीम को कहीं और भेजा जायेगा.
इस बीच पटना में शवों के दाह कर्म में भी काफी परेशानी हो रही है. अब पटना में विद्युत शवदाह गृह में भी गंगा नदी का पानी घुस चूका है. जिसके कारण अब अंतिम संस्कार से जुडे कर्मकाण्डों में भी दिक्कतें आ रही हैं. पटना के गुलबी घाट के विद्युत शवदाह गृह में पानी घुस चूका है. पानी के घुटने तक प्रवेश करने के कारण उससे हुए शार्ट सर्किट के बाद विद्युत शवदाह गृह को बंद कर दिया गया है.
वहीं, मशीनों के बंद होने से शवों का अंतिम संस्कार भी रुक गया है. जानकारी के मुताबिक, दीघा घाट, बांसघाट और गुलबी घाट के पास लकड़ी से कराए जाने वाले अंतिम संस्कार स्थल डूब गए हैं. घुटने तक पानी प्रवेश करने के कारण शवों के दाह संस्कार करने में काफी परेशानियां हो रही है. जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से दियारा के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है.
लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है. गांधी घाट पर गंगा का पानी खतरे के निशान से 129 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है. पटना में बाढ़ का कहर हर रोज गंभीर होता जा रहा है. इसबीच झमाझम बारिश के कारण समस्तीपुर के उजियारपुर में बुधवार की देर रात एक मकान की दीवार अचानक भरभरा कर गिर गई. जिससे घर में सो रही मां बेटी समहित तीन की मौत हो गई.
स्थानीय लोगों ने बताया कि बुधवार की देर रात सुरेंद्र चौधरी की पत्नी पत्नी मीना देवी अपनी बेटी प्रियदर्शिनी कुमारी (23 साल) और नातिन आयुषी कुमारी (5 साल) के साथ घर में सो रही थी. तेज बारिश भी हो रही थी. रात के करीब 2 बजे उनके घर की दीवार अचानक ढह गई. इसमें तीनों की मौत हो गई. इस हादसे की जानकारी मीना देवी के पति सुरेंद्र को सुबह हुई.
जब वह नींद से जगे. गिरे घर को देखकर वो परेशान हो गए और आस पास के लोगों की मदद से काफी मशक्कत के बाद मां-बेटी के साथ 5 साल की नातिन को उससे बाहर निकाला, मलबे में दबने के कारण उनकी मौत हो चुकी थी. मामले की सूचना मिलने के बाद स्थानीय थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्मार्टम के लिए भेज दिया.
वहीं, कई जिले में नदियां लाल निशान को पार कर बह रही है. इस बीच मौसम विभाग ने एक बार फिर से अगले 72 घंटों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है. बाढ प्रभावित इलाकों में नाव के माध्यम से मेडिकल टीम को गश्त करने का निर्देश दिया गया है. मेडिकल टीम में एनडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य कर्मी रहेंगे.
जो किट बनाकर लोगों तक दवा पहुंचायेंगे और अगर कोई व्यक्ति बीमार रहे, तो उसे तुरंत रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी भी दी गई है. साथ ही, अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में बाढ़ से हुई क्षति और अगर पशुओं के लिए खाने की व्यवस्था भी करेंगे. आपदा प्रबंधन विभाग ने संबंधन जिला के डीएम को दिशा-निर्देश भेजा है कि बाढ़ के दौरान जहां भी पानी का स्तर कम होता है या कहीं बढता है, तो सुरक्षा में लगे टीमों को अपने मुताबिक उनका अलग जगहों पर तैनाती कर सकते है.
ताकि लोग सुरक्षित रहें और राहत-बचाव कार्य में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो. एनडीआरएफ की टीमें वैशाली में दो, सारण दो, बक्सर दो, बख्तियारपुर दो, मुंगेर दो, दीदारगंज दो, दीघा दो टीमों की तैनाती की गयी है. दूसरी ओर एसडीआरएफ की भी टीमें तैनात की गई है.